जागरूकता और यातायात मैनेजमेंट के जरिए यातायात को मैनेज कर रहे है सूबेदार रणवीर सिंह | Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। अगर भविष्य में शहर के यातायात के विषय में कभी बात होगी तो वर्तमान यातायात प्रभारी सूबेदार रणवीर सिंह के चर्चा अवश्य होगीं। रणवीर सिंह ने चालानो के बल पर नही जगारूकता के साथ शहर के यातायात को कंट्रोल करने का प्रयास किया हैं। अब इन्है मीडिया यातयात मैनेजमेंट गुरू का संबोदन देने लगा हैं।

किसी भी शहर के यातायात व्यवस्था की बात करे तो जाम,आम नागरिको के द्धवारा कही भी अपनी गाडी को पार्क करना ऐसी छोटी-छोटी बातो से शहर की यातायात व्यवस्था बिगडती है। यातायात की व्यवस्था को जब ही ठीक माना जाता हैं आप जाम न फंसे और स्वंय यातायात के नियमो का पालन करे।

पिछले डेढ वर्ष पूर्व शिवपुरी के यातायात प्रभारी बन कर आए युवा सूबेदार रणवीर सिंह। सूबेदार रणवीर सिंह के यातायात मैनेजमेंट का एक प्लान तैयार किया और उस पर कार्य किया। शहर के यातायात के विषय में हमारी संवाददाता खुश्बू शिवहरे ने रणवीर सिंह से चर्चा की।

रणवीर सिंह ने बताया कि पूर्व में शहर में आम दिनो में भी जाम लग जाता था,कारण गाडियो का कही भी पार्क करना,हाथ ठेलो का कही भी लग जाना,यह दोनो ही स्थिती में शहर में ट्रेफिक जाम होता था। हमने हमारे वरिष्ठ अधिकारियो के मार्गदर्शन में ऐसी जगहो का चयन किया जहां आम दिनो में भी ट्रेफिक जाम होता था।

वहा जाकर कारण खोजे गए। एक तो हाथ ठेले और शहर की जनमानस का कही भी गाडी को पार्क कर देना। हाथ ठेलो वालो को समझाईस दी गई। जहां संभावना थी वहां
ठेले लगने दिए। उन्है सडक से दूर करया। जनता को भी समझाईस दी गई की कही भी गाडी पार्क न कि जाए।

शहर के यातायात के विषय पर पुलिस अधीक्षक महोदय से चर्चा की गई। अतिक्रमण के मामले में नगर पालिका का सहयोग लिया गया। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हैं अस्पताल चौराहे से अग्रसेन चौराहा। यहां प्रतिदिन जाम लगता था। नगर पालिका की मदद से अतिक्रमण हटाया गया। अस्पताल की ओर और सामने लगे ठेलो को हटाया गया उनसे बातचीत की गई उनकी भी रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो उन्है तात्या टोपे ग्राउंड पर एक निश्चित स्थान पर अपने ठेले लगाने की परिमिशन दी गई।

माधव चौक पर भी यही प्रक्रिया दोहराई गई। जाम लगने वाले पोईंटो पर यातायात पुलिस की ड्यूटी लगाई गई जिससे यातायात कंट्रोल में रहें। इसके बाद यातायात नियमो को शहर को फ्लो कराने की योजना बनाई गई। इसमे सबसे पहले स्कूली बसो को टारगेट पर लिया गया।

आपके और इस देश के भविष्य इन बसो में प्रतिदिन सफर करते थे। माननीय सुप्रीम कोर्ट के जो गाईड लाईन स्कूली बसो पर लागू की हैं उसे धरातल पर लाने के लिए प्रयास किए गए। जिसमें माननीय न्यायाधीश की कोर्ट लगाकर लगातार स्कूली बसो की चैंकिग की गई।

इस चैकिंग के दौरान सामने आया कि बसों में बच्चे ठूंस ठूंस कर भरे जा रहे थे। कुछ बसें कंडम हालात में शहर में दौड रही थी। जिन्हें कार्यवाही की जद में लिया और माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया। जिन पर भरी भरकम चालन के बाद बस चालक पूरी तरह से दुरस्त हो गए। नतीनज बसों में बच्चों की संख्या धीरे धीरे सही होने लगी।

यातायात प्रभारी रणवीर सिंह ने बताया कि छोटे—छोटे बच्चे टूव्हीलर वाहानो से फर्राटा मार कर दौडाते थे,इस कारण दुर्घटना की अंशका बनी रहती थी। सबसे ज्यादा स्कूली बच्चे ऐसा कर रहे थे। उनको रोका पकडा और अविभावको के समझाईस के बाद छोडा गया। ऐसा कईयो बार किया गया। जब स्थिती में सुधार आया।

लगातार स्कूल,कोलेजो में बच्चो को हैलमेंट लगाना क्यो आवश्यक हैं यह समझाया गया और उन्है अपने बडो को हैलमेंट लगाने के लिए बच्चो ने स्वंय ही प्रेरित करना शुरू कर दिया।

लगातार आटो वालो की लगातार शिकायते मिल रही थी। यात्रियो के साथ अभद्रता के साथ कई गडबडियो की शिकायत मिल रही थी। शहर के सभी आटो की जन्मपत्री यातायात थाने में बनाई गई,ड्रायवर का नाम,आटो मालिक का नाम,रजिष्ट्रेशन,बीमा,ड्रायवर लाईसैंस चैक कर फोटो कॉफी रिकार्ड में रखी गई। फिर उसके बाद उस आटो का एक यूनकि कोड दिया गया। अभी तक 1473 आटो का वेरिफिकशन कर उन्है यूनिक कोड दिया गया।

जिससे आटो चालकों द्धारा कोई भी सबारी को परेशान करने पर इन यूनिक कोड के जरिए पकडना बडा ही आसान हो गया है। कोई भी आटों जिसपर यूनिक कोड अंकित नहीं है वह जहां भी पकडी जाती है उन्हें कार्यवाही की जद में लेकर यूनिक कोड अंकित कराया जा रहा है।

कुल मिलाकर यातायात का सुचारू रूप से चालाने के लिए लोगो की समस्या को जाना और फिर वरिष्ठ अधिकारियो के मार्गदर्शन लेकर दुरूस्त करने का प्रयास किया है। और जो भी संभव होता हैं उसके प्रयास किए जा रहे हैं।
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