शिवपुरी। नगर पालिका के चुनाव आने वाले कैसा होगा अब कैसा होना शहर के विकास का प्लान,कैसा होना चाहिए शहर का नया अध्यक्ष,अध्यक्ष का स्वयं का एक विकास प्लान होना चाहिए इस विषय पर शिवपुरी समाचार डॉट कॉम ने भाजपा के युवा नेता मुकेश रघुवंशी के साथ शहर की दशा और दिशा पर बातचीत की।
इस बातचीत के क्रम को जारी रखने से पूर्व इनका पूरा परिचय कराते है। नाम मुकेश रघुवंशी पिता का नाम स्व: श्री नारायण सिंह रघुवंशी शिक्षा ग्रेजूएट, वर्किग व्यापारी,समाज सेवी और राजनीतिक। मुकेश रघुवंशी से शहर की दशा और दिशा पर बातचीत को उन्होने बताया कि हमारी पेयजल सिंध उचित प्लानिंग न होने के कारण अभी तक सफल नही हुई है और 11 साल गुजरने के बाद भी संघर्ष कर रही हैं।
इसमें सबसे बडा दोष नगर पालिका के अधिकारियो और चुने हुए प्रतिनिधियो का हैं। शहर को उचित दिशा देने के लिए अध्यक्ष की स्वयं सोच होनी चाहिए कुछ करने का प्लान होना चाहिए। शहर को सुदंर और भव्य बनाने के लिए एक साथ पूरे शहर का प्लान होना चाहिए। इस प्लान पर फोकस कर पूरी ईमानदारी से काम करना होगा। जब ही इस शहर के हालात बदल सकते हैं।
किसी भी शहर के निर्माण और उचित देख—रेख ओर नागरिको को मूल भूत सुविधा देने का काम नगरिय प्रशासन का होता है। अब नगर पालिका के चुनावो का समय नजदीक हैं शहर के नागरिको को भी पार्टी और जाति से उठकर किसी अच्छे और योग्य व्यक्ति को अपना अध्यक्ष चुनना होगा।
शिवपुरी समाचार डॉट कॉम ने सवाल किया अगर शहर आपको मौका देता हैं तो आप क्या कर सकते हैं। इस मुकेश रघुवंशी ने कहा कि मेरे पास शहर को उचित दिशा देने का पूरा प्लान है मेरे अनुसार वह अच्छा हैं फिर भी इस प्लान को शहर के लोगो के साथ रख रकते हैं इससे शहर के विकास के प्लान के नए आइडिया भी निकल सकते हैं।
वर्तमान में नपा में इतने कर्मचारी है उन्है सही तरिके से काम पर लगाया जाए तो नपा के पास आपको नही जाना होगा,आपके पास नगर पालिका आ सकती है। शहर का वाटरड्रेनेज सिंस्टम खराब है सभी दिशाओ को चैक कर एक ओर ही वाटर लेवल उतरना होगा। जिससे शहर में जल भराव जैसी समस्या नही आऐगी। नगर पालिका के इंजीनियर सडक बनाते समय यह नही देखते ही इसका वाटर लेवल उतरा हैं कि नही।
इस कारण लोगो के घरो में पानी भरता हैं की—कही तो सडको से उंची नालिया और घर सडको से नीचे हो गए जिससे लोगो के घरो में पानी भरता हैंं कुल मिलाकर उचित प्लान नही है नगर पालिका के पास। छोटी—छोटी गलती नपा की लोगो को मुशिकले पैदा करती हैंं।
नगर पालिका का काम मूल काम है सुविधाए देना। पब्लिक की सरकार को पब्लिक के साथ मिलकर कार्य करना चाहिए। जैसे परिषद की बैठक होती हैं वैसे ही नपाध्यक्ष को पब्लिक के साथ मीटिंग करना चाहिए। शहर के साथ प्लानिंग बनाकर परिषद में काम रखने होंगें। फिर पीआईसी में पास करे। विकास के साथ शहर को हराभरा रखना होगा।
बडे स्तर पर पब्लिक के साथ मिलकर वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाने होंगें और वृक्षारोपण कार्यक्रम सरकारी मद से नही बल्कि पब्लिक को जाग्रत कर दान के पैसे से होना चाहिए। और यह तभी संभव होगा जब आपके पास एक वार्किंग प्लानिंग अध्यक्ष होगा।
मुकेश रघुवंशी से उनके कुछ निजी जीवन को लेकर भी शिवपुरी समाचार डॉट कॉम ने बातचीत करते हुए पूछा कि आप राजनीति में क्यो आए तो उन्होने कहा कि मैं राजनीति नही करता बल्कि राजनीति से समाज सेवा करना चाहता हूं। राजनीति मुझे विरासत में मिली हैं,मेरे पिताजी को मैं लोगो की मदद करते देखता था।
मैं अपने पिताजी के साथ राजमाता से मिलने जाता था। कुल मिलाकर राजनीति में समाजसेवा मुझे विरासत में मिली है। और श्रद्धेय राजमाता (अम्मा महाराज) की कार्यशैली मुझे समाज के लिए जीने को प्रेरित करती हैं।
राजनीति में अच्छे लोग ज्यादा सफल क्यो नही हो पाते इस प्रश्न पर मुकेश रघुवंशी ने कहा कि अच्छे और संस्कारित लोग अपने लिए दूसरो के लिए सेवा करना चाहते हैं। उनके कुछ नियम और सिंद्धांत होते हैं उन्है संस्कारित ओर सिद्धांतित लोग सत्य की बात करते हैं। और सत्य हर किसी को नही भाता इस कारण राजनीति में संस्कारित लोग कम ही सफल हो पाते है।
आपकी नजर में सफलता की क्या परिभाषा है इस प्रश्न पर युवा नेता ने कहा कि आत्मसंतुष्टि ही सफलता हैं। अपने टारगेट को अचीप करने पर ही आत्मसंतुष्टि होती हैं। सफलता प्राप्त करने के लिए अपने टारगेट पर ही नजर होनी चाहिए,संयम रखना होता है। सफलता अगर मिल भी जाती हैं तो इसे अपने पास लंबे समय तक रखने के लिए किसी के साथ विश्वासघात,धोखा नही करना चाहिए। या यू कह लो कि अपने पेशे से गददारी नही होनी चाहिए। जब ही आपको आपकी सफलता लोकप्रियता में बदलेंगी।
समाज कैसा होना चाहिए:समाज में एक रूपता होनी चाहिए,समाज एक दूसरे का पूरक होता हैं,आज कल देखा जा रहा हैं कि लोग सिर्फ अपने ही अधिकार ओर सिर्फ अपने ही फायदे की बात करते हैं। इस कारण ही समाज में असंतुलन है। लोग अपने मौलिक अधिकारो की तो बात करते हैं लेकिन अपने अपने कर्तव्यो को भूल जाते हैं।
किताबी शिक्षा और नैतिक शिक्षा पर बात करते हुए युवा नेता मुकेश रघुवंशी ने कहा कि किताबी शिक्षा आपको सरकारी या प्राईवेट नौकरी अवश्य पाने में सहयोग कर सकती हैं,लेकिन उस नौकरी या अपने काम में 100 प्रतिशत सफलता के लिए नैतिक शिक्षा अतिआवश्यक हैं। इतिहास ग्वाह हैं कि इतिहास ऐसे लोगो ने भी बनाया हैं जो कम पढे लिखे थे,लेकिन अपने अंदर के संस्कारो से उन्होने इतिहास बनाया हैं। नैतिक शिक्षा के बीज परिवार से पनपते हैं,फिर इंसान अपनी सोच से उन्है बढा करता हैं।