शिवपुरी। कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी ने जय किसान फसल ऋण माफी योजना की समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिए है कि ऋण माफी के आवेदन लंबित होने के कारण जिन किसानों ने शिकायत दर्ज कराई है। इन शिकायतों में प्रथम स्तर पर ही उचित जवाब भरा जाए। शिकायतों का संतुष्टिपूवर्क निराकरण किया जाए। जिससे की लंबित शिकायतों की संख्या में बढोत्तरी न हो। अगले सप्ताह की बैठक में शिकायतों की संख्या में कमी दिखना चाहिए। यह निर्देश उन्होंने किसान कल्याण तथा कृषि विकास के उपसंचालक को दिए है। जिन बैंकों द्वारा सही काम नहीं किया जा रहा है। समय पर जानकारी नहीं दी जा रही है। उन्हें कारण बताओं नोटिस जारी किया जाए।
सोमवार को अंतर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में अपर कलेक्टर आर.एस.बालोदिया, अनुविभागों के एसडीएम, जिला अधिकारी उपस्थित थे। बिना सूचना दिए जो अधिकारी बैठक में उपस्थित नहीं थे। उन्हें नोटिस जारी करने के साथ ही एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए है।
कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी ने बैठक में सीएम हेल्पलाईन में लंबित शिकायतों, टी.एल. पत्रकों सहित विभिन्न विभागीय कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने खाद्य विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए है कि पात्रता पर्ची सत्यापन कार्य के लिए जल्द दल गठित करें। गठित दलों द्वारा खाद्य की पात्रता पर्ची के हितग्राहियों का सत्यापन किया जाए। पात्र हितग्राहियों को ही लाभ दिया जाएगा। जिले में संचालित उचित मूल्य की दुकानों की भी जांच कर अपात्र संस्थाओं द्वारा संचालित दुकानों को बंद करने के निर्देश संबंधित अधिकारी को दिए है।
कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी ने सभी विभागीय अधिकारियों को सीएम हेल्पलाईन की शिकायतों का समय पर संतुष्टि पूवर्क निराकरण के निर्देश दिए है। साथ ही स्पष्ट कहा है कि टी.एल. के पत्रों का जबाव अधिकारी समय पर भेजें। किसी भी विभाग में यदि अनुकम्पा नियुक्ति के मामले लंबित है तो उन पर तुरंत कार्यवाही करें।
क्षतिग्रस्त सडक़ों की मरम्मत कराने के निर्देश
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि बरसात के समय में शहर की सडकें भी खराब हो गई है। ऐसी सडक़ें चिंहित करें। उन्होंने डिप्टी कलेक्टर एवं प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी शिवपुरी मनोज गरवाल को निर्देश दिए कि पीडब्ल्यूडी और नगर पालिका द्वारा बनाई गई सडक़ चिंहित कर लें। पीडब्ल्यूडी के साथ मिलकर इसका प्रारूप तैयार करें। बरसात के बाद क्षतिग्रस्त सडक़ों की मरम्मत का काम प्रारंभ करें। क्षतिग्रस्त सडक़ों को बेहतर बनाने से दुर्घटनाओं में भी कमी दिखेगी। आवागमन सही एवं सुचारू होगा।