कोलारस। जिले के कोलारस विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों झोलाछापो का खुला मौत की दुकान संचालित कर रहे है। जिस पर प्रशासन के लाख जतन करने के बाद भी अंकुश नही लग पा रहा। और झोलाछाप प्रशासन की नाक के नीचे ही अपना कारोबार जमाने में लगे है। और खुलेआम लोगो का मौत बांट रहे है।
जिससे क्षेत्र में एक के बाद एक कई मासूमों को उक्त झोलाछाप मौत के घाट उतार चुके है। जिन्हे हर बार किसी न किसी तरह से दवा दिया जाता है। इसी तर्ज पर अब शासकीय मान्यता प्राप्त अशासकीय नर्सिंग होम भी कोलारस में प्रशासन के नियमों की धज्जियां उड़ाने में लगे है। जो शासन की गाईड लाईन के विपरीत नर्सिंग होम संचालित कर रहे है। ऐसा ही मामला कोलारस में संचालित हो रहे संजीवनी में सामने आया है।
जहां लगातार अनियमित्ताओं की शिकायतें मिल रही है। बताया जा रहा है इस अस्पताल के संचालक खुद के द्वारा लागू किये गए नियमों के हिसाब से अस्पताल संचालित कर रहे है। जिससे हादसे ओर अन्य एमरजेंसी मरीज रात में भटकते फिरते है। बताया जा रहा है की यह अस्पताल देर शाम ही मरीजो के लिए बंद कर दिया जाता है। जिससे रात में कोई मरीज चाहे जितना भी गंभीर हो डाॅक्टर साहब रात में किसी की नही सुनते जिससे रात में आए हुए मरीजो को मरने के लिए छोड़ दिया जाता है। इस अस्पताल में न तो डिग्री धारी स्टाफ है और न ही नीयमित स्टाफ डयूटी है। अस्पताल में आसानी से अकुशल स्टाॅफ लोगो का ईलाज करता आसानी से देखा जा सकता है।
झोलाछाप डाॅक्टर तैयार कर रहा संजीवनी अस्पताल -
कोलारस नगर में संचालित संजीवनी एमरजेंसी केयर एण्ड पैथोलाॅजली सेंटर द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के कम पड़े लिखे युवाओ को पैसो का लालच देकर अस्पताल में ईजेक्शन, र्डिप, एक्सरे से लेकर पैथौलाॅजी और एमरजेंशी मरीजो देखने में भी हस्पक्षेप कराया जा रहा है। बताना होगा यह ग्रमीण युवा यहां से कुछ र्डिप और दवाईयो को जानकारी लेकर ग्रामीण क्षेत्रो में अपनी दुकान सजाए बैटे है। यह युवा कुछ दिन की प्रेक्टििस के बाद से ही अपने आप को डाॅक्टर मानने लगते है ऐसे में संजीवनी क्लीनिक संवालक द्वारा लगातार झोलाछाप डाॅक्टर तैयार किये जा रहे है।
क्या है शासन के आदेश -
मध्यप्रदेश राजपत्र प्राधिकार से प्रकाशित क्रमांक 31, दिनांक 1 अगस्त 1997 भाग 4 द्वारा नियम नंबर 17 के अनुशार उपचर्यागृह की स्थिति तथा आसपास का वातावरण, उपचर्यागृह किसी खुली मल नाली, या सार्वजनिक शौचालय से अथवा धुंआ या दुर्गन्ध छोड़ने वाले किसी कारखाने से लगा हुआ नहीं होगा।
भवन -
उपचर्यागृह के लिए उपयोग में लाए गए भवन के संबंध में समय-समय पर कृत सुसंगत नगरपालिका उपविधियों का पालन किया जाएगा।
उपचर्यागृह के कक्ष अच्छे हवादार तथा प्रकाशयुक्त होंगे और स्वच्छ तथा स्वास्थ्यकर दशा में रखे जाएगें।
सेप्टिक तथा संक्रामक रोगियों के माामलों को अलग करने की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी।
रोगियों आदि के लिए स्थान व्यवस्था उपचर्यागृह के कक्ष में एक बिस्तर के लिए फर्श स्थान 100 वर्गफुट और प्रत्येक अतिरिक्त बिस्तर के लिए अतिरिक्त 75 वर्गफुट होगा। डयुटी पर उपस्थित परिचर्या कर्मचारी के लिए एक डयुटी कक्ष की व्यवस्था की जाएगी। औषधियों, खाद्य सामग्रियों उपस्करों आदि के भण्डारण के लिए पर्याप्त स्थान की व्यवस्था की जाएगी।