अध्यक्ष की किचन कैबिनेट में पक रही है अवैध नियुक्यिाँ, सौंपा ज्ञापन | SHIVPURI NEWS

Bhopal Samachar
शिवपुरी। वरिष्ठता की उपेक्षा कर नगर पालिका प्रशासन अध्यक्ष के चहेते दो अंशकालीन संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की तैयारी में है। सूत्र बताते हैं कि दोनों कर्मचारियों के विनियमितिकरण का अनुमोदन पीआईसी  की  बैठक में भी  कर दिया गया है और उनकी फाइल उपसंचालक नगरीय  प्रशासन को भेज दी गई है।  

इसकी जानकारी जब पात्र अंशकालीन संविदा कर्मचारियों को लगी तो उन्होंने एकत्रित होकर नगरपालिका उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा को ज्ञापन सौंपकर अपना पक्ष रखा। इस पर नपा उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा ने उन्हें आश्वासन दिया कि सभी कर्मचारियों के साथ न्याय किया जाएगा और वह इस मामले को दिखवाते हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन दो संविदा कर्मचारियों की विनियमितिकरण की फाइल उपसंचालक को भेजी गई है उनके नाम हैं अरविंद कौरव, सुभाष कुशवाह। इनमें अरविंद कौरव कंप्यूटर ऑपरेटर है जबकि  कुशवाह नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह के पीए के रूप में कार्यरत है और वह सरकारी रिकॉर्ड में पंप अटैण्डर है ।

दोनों कर्मचारियों की अंशकालीन संविदा कर्मचारी पद पर नियुक्ति तत्कालीन नपाध्यक्ष  श्रीमति रिशिका अष्ठाना के कार्यकाल में हुई थी और उनकी नगरपालिका में सेवाएं 8 साल से हैं जबकि 300 से 400 संविदा कर्मचारी 20 साल से अधिक  समय से अपनी सेवाएं दे रहे हैं इनमें सफाई कर्मचारी वाहन चालक, पंप अटैण्डर आदि शामिल हंै और ये अभी भी अपने विनियमितिकरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

लकिन सूत्र बताते हैं कि अध्यक्ष के चहेते होने के कारण अरविंद कौरव और सुभाष कुशवाह के नियमितिकरण की फाइल गुपचुप तरीके से तैयार कराई गई और पीआईसी में भी उनके विनियमितिकरण को हरी झंडी दे दी गई। इसके बाद बताया जाता है कि अरविंद कौरव स्वयं फाइल लेकर उपसंचालक नगरीय प्रशासन ग्वालियर के कार्यालय में लेकर गया इसकी  पुष्टि स्थापना बाबू भगवानलाल ने की है।

किसी तरह से जब अन्य पात्र अंशकालीन संविदा कर्मचारियों को इसकी जानकारी लगी तो उनमें रोष छा गया। एक संविदा कर्मचारी ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वह 20 साल से सेवाएं दे रहे हैं और आज तक उसे नियमित नहीं किया गया। उसके अनुसार नगरपालिका में 20 साल से अधिक सेवाएं देने वाले 300 से 400 कर्मचारी हैं और नियमानुसार उन सभी का विनियमितिकरण होना चाहिए।

लेकिन 8 साल की नौकरी करने वाले दो कर्मचारियों का  विनियमितिकरण न केवल उनकी उपेक्षा है बल्कि उन जैसे सभी कर्मचारियों के साथ नगरपालिका प्रशासन का पक्षपात भी है। यह मामला सामने आने के बाद नगरपालिका में हडक़ंप व्याप्त है और विनियमितिकरण से वंचित संविदा कर्मचारियों ने नपा उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा को ज्ञापन देकर इस मामले में नियमानुसार और न्यायिक कार्यवाही करने की मांग की है।

संविदा कर्मचारियों के विनियमितिकरण की फाइल तो हुई है तैयार : CMO

सीएमओ केके पटेरिया ने इस संबंध में जानकारी देते  हुए बताया कि उनके संज्ञान में संविदा कर्मचारियों के विनियमितिकरण की फाइल तो तैयार हुई है, लेकिन इस  फाइल में कितने कर्मचारियों के नाम है यह उन्हें ज्ञात नहीं है। इनके विनियमितिकरण की पीआईसी हुई है अथवा नहीं इसकी उन्हें जानकारी नहीं है।

PIC के पारित प्रस्तावों की परिषद में पुष्टि नहीं

नियमानुसार पीआईसी में जो प्रस्ताव पारित किए जाते हैं उनकी परिषद में पुष्टि कराई जाती हे और जब तक परिषद में उन प्रस्तावों की पुष्टि नहंीं होती तब तक उसकी  कोई वैधानिक मान्यता नहीं रहती है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि पीआईसी के अधिकांश प्रस्तावों की परिषद में पुष्टि नहीं  कराई गई।

परिषद की बैठक में भाजपा पार्षदों ने मांग की थी कि पीआईसी  में  पारित प्रस्तावों की  उन्हें  जानकारी दी जाए, लेकिन अभी तक  नगरपालिका प्रशासन ने पीआईसी में पारित प्रस्तावों की पार्षदों को जानकारी नहीं दी और इस  मामले में भाजपा  पार्षदों ने भी चुप्पी साध रखी  है। जिससे नगरपालिका प्रशासन से उनकी गड़बड़ी में सांठगांठ का शक पैदा होता है ।

चहेते कर्मचारियों पर किस तरह मेहरबान है नपा प्रशासन

नगरपालिका प्रशासन किस पक्षपातपूर्ण तरीके से कार्य करता है इसकी मिसाल महज दो नगरपालिका कर्मचारियों के विनियमितिकरण का प्रस्ताव तैयार करने से मिलती है। दोनों कर्मचारी अरविंद कौरव और सुभाष कुशवाह की सेवाएं अधिक पुरानी नहीं है। उनकी जब नियुक्ति हुई थी तब उन्हें महज 3500 रूपए मिलते  थे और फिर उन्हें कलेक्टर रेट देकर उनका वेतन 7125 रूपए कर दिया गया है। विनियमितिकरण हो जाने के बाद उनका वेतन बढक़र लगभग 16000 रूपए हो जाएगा।

इनका कहना है
जिन दो कर्मचारियों की विनियमितीकरण के लिए पीआईसी होने की बात सामने आई, लेकिन अभी तक पीआईसी नहीं हुई है और न ही कोई फाइल ग्वालियर भेजी गई है।
मुन्नालाल कुशवाह, नपाध्यक्ष शिवपुरी

आपके द्वारा मुझे जानकारी दी गई है कि दो अपात्र अशंकालीन संविदा कर्मचारियों के विनियमितिकरण को पीआईसी ने हरी झंडी दी है जबकि अन्य पात्र कर्मचारियों की अनदेखी की गई है मैं इस मामले को दिखवाता हूं। नगरपालिका के कर्मचारी हमारे  परिवार के सदस्य हैं और उन सभी  सदस्यों के साथ निष्पक्ष तथा न्यायपूर्ण कार्यवाही हो यह हमारा दायित्व है। यदि यह मामला सही पाया जाता है तो इस मामले में या तो सभी पात्र कर्मचारी नियमित होंगे तथा सिर्फ दो कर्मचारियों को नियमित नहीं होने दिया जाएगा।
अनिल शर्मा अन्नी नपा उपाध्यक्ष शिवपुरी 
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