किसानों की मांग को लेकर किसान संघ ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन | BAIRAD, SHIVPURI NEWS

Bhopal Samachar
बैराड़। देशभर मे किसानों के हित मे कार्यरत संगठन भारतीय किसान संघ की बैराड़ ईकाई द्वारा किसानों की मांगो को लेकर बैराड़ तहसील मे ज्ञापन सौंपा। संघ बैराड़ तहसील अध्यक्ष बृजेश धाकड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय किसान संघ समय समय पर किसानों के हित मे पूर्ण रूप से प्रयासरत रहता है और सोमबार को दोपहर 12 बजे भारतीय किसान संघ बैराड द्वारा तहसील बैराड़ पर किसानो की मांगो को लेकर तहसीलदार बैराड़ को एकदिवसीय धरना प्रदर्शन व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा। साथ ही ज्ञापन मे उल्लेख था कि अगर की गई मांगो पर शीघ्र कार्रवाई कर निराकरण नही किया गया तो किसान समाज व किसान संघ आंदोलन करेगा। जिसका जिम्मेदार प्रशासन होगी।

इस ज्ञापन मे भारतीय किसान संघ बैराड़ तहसील अध्यक्ष बृजेश धाकड़, उपाध्यक्ष वीरेन्द्र यादव, डॉक्टर बाइसराम, कृष्ण यादव अध्यक्ष खटका मंडल,परशुराम धाकड़, कप्तान धाकड़, बीरेंद्र धाकड़, कल्याण धाकड़ रायपुर, तहसील कार्यकरणी सदस्य कैलास, योगेश बर्मा आदि किसान संघ के कार्यकर्ता गण व सैंकड़ों की संख्या मे किसान भाई उपस्थित रहे।

यह है किसानों की मांगे

किसानों को लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य दिया जाए,शासन द्वारा घोषित समर्थन मूल्य कृषि उपज पर खरीदी सुनिश्चित की जावे, फसल बीमा योजना किसान हित में बनाई जावे, पिछले वर्ष की धान एवं सोयाबीन बिक्री की 500 प्रोत्साहन राशि तुरंत दी जाए, शासन द्वारा घोषित 200000 तक की कर्ज माफी सभी किसानों की तुरंत की जावे, शासन द्वारा समर्थन मूल  की गई गेहूं की खरीदी पर 160 बोनस राशि तुरंत दी जावे, मध्य भारत प्रांत के समस्त स्वीकृत एवं प्रस्तावित सिंचाई डेमों का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जावे, गर्मी की उड़द मूंग की खरीदी तुरंत चालू की जाए ,खसरा बी1 के रेट कम किए जाए, स्थाई कृषि पंप के लिए अनुदान योजना को य़थावत रखी जाए, सहकारी समितियों द्वारा किसानों को ऋण मान के अनुसार ऋण नहीं दिया जाता परंतु बीमा योजना में बीमा की राशि ऋणमान के अनुसार काटी जाती है जितना रिड उतनी बीमा प्रीमियम काटा जाए।

तहसील बैराड़ के ग्राम पंचायत एवं नगर परिषद  में गौशाला बनाई जाए,तहसील बैराड़ क्षेत्र में पोती नामांतरण बटवारे की किसान समस्या पटवारी द्वारा बिना आवेदन के मौके पर हल कराई जावे जिससे किसानों को तहसील के बार-बार चक्कर न लगाने पड़ें इस स्थिति में किसान बहुत ही परेशान है दाखिला खारिज के लिए तहसील में फाइल बनाई जाती है इसमें किसानों का शोषण किया जाता है।
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