SHIVPURI NEWS - प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन का दल केन्द्रीय मंत्री सिंधिया से मिला ,पढिए क्या हुआ

Bhopal Samachar

शिवपुरी। प्राइवेट स्कूलों को लेकर प्रदेश भर में चल रहे हालातों को लेकर मप्र प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन का प्रतिनिधि मंडल दिल्ली पहुंचा। दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर विसंगतियां गिनाईं और अपनी समस्याएं रखीं। स्कूल्स एसोसिएशन पदाधिकारियों ने ट्यूशन पर कानूनी रोक की मांग रखी है। साथ ही प्राइवेट स्कूलों के लिए प्रदेश सरकार द्वारा नया कानून बनाने का आग्रह किया है। क्योंकि मौजूदा हालात में प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों लेकर तमाम विसंगतियां देखने में मिल रही हैं।

स्कूल्स एसोसिएशन के पांच प्रतिनिधियों ने सिंधिया से मिलने दिल्ली पहुंचा। चाइल्ड वेलफेयर अध्यक्ष पवन शर्मा, प्रदेश सचिव राज कुमार शर्मा, ब्लॉक अध्यक्ष राजेंद्र शिवहरे, अशोक रंगढ, गोपेंद्र जैन ने कैबिनेट मंत्री सिंधिया को मध्य प्रदेश की वर्तमान शिक्षा जगत में चल रहे असमंजस से अवगत कराया।

प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि जबलपुर के घटनाक्रम में 21 स्कूल संचालक व प्राचार्य का अनुचित कार्रवाई कर सामाजिक हत्या का प्रयास कर विद्यार्थियों-पलकों की आस्था, भावना से खिलवाड़ किया है। कोरोना काल
 के बाल निजा विनियमन अधिनियम की विसंगतियों, आज दिनांक तक ठीक से न चल रहे व विसंगति पूर्ण पोर्टल, अन्य राज्यों में केवल 20 हजार से 25 हजार वार्षिक फीस से अधिक वाले स्कूलों के इस अधिनियम में आने, आवश्यक संशोधन करने, समय सीमा बढ़ाने, प्राचार्य, संचालकों को ट्रेनिंग देने, पुस्तकों के आईएसबीएन पर चल रही भ्रांतियों, प्रशासन की अनावश्यक कठोर व शिक्षा जगत को बदनाम करने वाली कार्यवाहियों को रोकने, पुस्तकों एवं ड्रेस आदि की स्थिति से अवगत कराया।

शिक्षा विभाग को विद्यालय संचालन के लिए  निर्देश जारी करने  प्रतिनिधि मंडल के सो निजी प्रकाश को की महंगी किताबें का मुद्दा तत्काल खत्म हो इसके लिए सरकार एनसीईआरटी को ही अनिवार्य करें। साथ ही फीस अधिनियम को संशोधित किया जाए, 25 से 30000 वार्षिक शुल्क वालों को इससे बाहर किया जाए। नियम तोड़ने वालों से शुल्क वापस कराई जाए। 5 से 7 तरह की यूनिफॉर्म सरकार की ओर से चुनी जाए, जिसका कपड़ा आसानी से बाजार में उपलब्ध हो।

16 साल से कम उम्र के बच्चों को ट्यूशन पर कानूनी रोक हो

शोषण से बचने के लिए 16 साल से कम उम्र के बच्चों को ट्यूशन पर कानूनी रोक व शक्ति से पालन किया जाए। प्राइवेट स्कूलों की स्वतंत्रता गरिमा रहे। सरकार द्वारा अनावश्यक कानूनी भीम और कागजों में आदित्य भाषा और व्यवहार करने वालों के विरुद्ध आपराधिक दंडात्मक कार्रवाई की जाए। कैबिनेट मंत्री सिंधिया ने सभी विषयों को सुना, समझा एवं इस पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।