SHIVPURI NEWS - ​सीवर प्रोजेक्ट की रफ्तार के कारण ट्रीटमेंट प्लांट की मशीनो में लगी जंग,लागत दोगुना से अधिक

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी शहर में विकास की रफ्तार कितनी है इसका जीता जागता उदाहरण शहर में चल रहा सीवर प्रोजेक्ट है,यह प्रोजेक्ट वर्ष 2013 में शुरू हुआ ओर दावा किया जा रहा था कि इस प्रोजेक्ट को 21 माह में पूर्ण कर लिया जाएगा,इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 62 करोड़ थी,लेकिन इस प्रोजेक्ट की चाल ने कछुआ चाल को पीछे कर दिया। सन 2024 चल रहा है और यह प्रोजेक्ट अपनी पूर्णता की ओर रही है। 21 माह मे पूरा होने वाले इस प्रोजेक्ट को आज 133 महिने अर्थात 11 साल पूरे हो चुके है ओर इसकी लागत अब दोगुना से अधिक हो चुकी है।


यहां बताना होगा कि जिम्मेदार और ठेकेदार प्रोजेक्ट को पूरा करने को लेकर लगातार तारीख पर तारीख देते जा रहे हैं। इसी क्रम में जुलाई 2022 में इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए एक महीने समय दिया गया था। इसके बाद 20 नवम्बर 2023 में दस दिन के भीतर मैन लाइन का काम पूरा करने की बात कही गई। नेशनल पार्क द्वारा खुदाई की अनुमति मिलने के उपरांत अब एक बार फिर सीवर प्रोजेक्ट का काम शुरू हो गया है और कहा जा रहा है कि प्रोजेक्ट की मैन लाइन अगले 15 दिन में कंप्लीट हो जाएगी।

हालांकि यहां बताना होगा कि इन दो सालों में करबला से लेकर ठाकुर बाबा मंदिर तक की लाइन नहीं बिठाई जा सकी है। ऐसे में इस बात को उम्मीद कम हो है कि इस बार भी जो तारीख लाइन बिछाने का काम कर रही जैन एंड राय कंपनी द्वारा दी जा रही है, उस तारीख तक काम पूरा हो पाएगा। हालांकि अधिकारियों मानें तो धरातल पर महज 50 मीटर का काम और बचा हुआ है। इसके बाद पाइप लाइन लिंक करना शेष रहा जाएगा। कनेक्शन को लेकर अभी तय नहीं गाइडलाइन अगर अगले पंद्रह दिन में मुख्य लाइन का काम पूरा हो भी जाता है तो अभी तक भोपाल स्तर पर यह तय नहीं हुआ है कि सीवर लाइन के कनेक्शन कैसे दिए जाएंगे।

मशीने हो चुकी है कबाड

यहां बताना होगा कि ठेकेदार ने ट्रीटमेंट प्लांट तो बनाकर तैयार कर लिया और वहां मशीनें भी सालों पूर्व लग चुकी है। इधर पाइप लाइन बिछाने का काम इतनी धीमी गति से चल रहा है कि प्लांट पर लगी मशीनें ट्रीटमेंट करने से पहले ही जंग खाने लगी है। ऐसे में अगर ट्रीटमेंट प्लांट शुरू होने के उपरांत अगर मशीनों में खराबी आना शुरू हो जाए तो कोई बड़ी बात नहीं होगी।

अधिकारियों की मानें तो प्रोजेक्ट की शर्तों के अनुसार परियोजना पूरी होने के उपरांत 18 महीने तक दिल्ली की उसी एजेंसी जैन एंड राय कंपनी को यह सीवर प्रोजेक्ट चलाना है, जिसने इसका निर्माण किया है। ऐसे में ट्रीटमेंट प्लांट पर मशीनों में खराबी आदि का मसला शासन को नहीं देखना है। 18 महीने पर प्रोजेक्ट नगर पालिका को हैंडओवर किया जाएगा। उसके बाद यह तय होगा कि नगर पालिका प्लांट खुद चलाती है या फिर किसी और को ठेके पर देती है।

इनका कहना है
खुदाई की अनुमति मिलने के उपरांत एक बार फिर सीवर प्रोजेक्ट की खुदाई का काम शुरू हो गया है। सिर्फ 50 मीटर के आसपास की खुदाई होने के बाद पाइप लाइन डालकर कनेक्ट होना शेष है। इसमें अधिकतम 15 दिन का समय लगेगा। इसके बाद सीवर की टेस्टिंग कर नालों का पानी ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचने लगेगा। सीवर के कनेक्शन को लेकर अभी भोपाल से गाइड लाइन तय होना है।
एलपी सिंह, ईई पीश्वई।