अतुल जैन @ खनियाधाना। शिवपुरी जिले के खनियाधाना विकासखंड से है। जहां दो निजी स्कूलों के द्वारा अपनी मनमानी करते हुए पालकों पर खनियाधाना के दो निजी स्कूलों द्वारा पाठय पुस्तकों यूनिफॉर्म एवं अन्य शैक्षणिक सामग्री के क्रय हेतु पालकों पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा था। शिकायत पर बीआरसी खनियाधाना द्वारा जांच दल गठित कर स्कूल और दुकानों का निरीक्षण जांच दल के पहुचने से पहले स्कूल प्रबंधन स्कूल से गायब हो गया वही स्टेशनरी की दुकानों में भी जांच की गई इस संबंध में आगे की कार्यवाही के लिए जिला शिक्षा विभाग को अवगत कराया जाएगा।
जानकारी के अनुसार खनियाधाना में स्थित आचार्य विद्यासागर पब्लिक एवं सेंट सेबेस्टियन स्कूलों के द्वारा पालिका पर निश्चित स्टेशनरी की दुकानों से पाठय पुस्तकों यूनिफॉर्म एवं अन्य शैक्षणिक सामग्री के क्रय हेतु पालकों पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा था। निजी स्कूलों द्वारा मनमानी का खेल ऐसे ही चलता है। बड़ा मुनाफा कमाने के लिए स्कूलों के द्वारा अपनी स्कूलों की पुस्तकों और अन्य सामग्री एक निश्चित दुकान पर रखवा दी जाती है।
फिर स्कूल प्रबंधन के द्वारा अभिभावकों पर पाठ्यक्रम का सामान खरीदने के लिए मजबूर किया जाता इसके लेकर अभिभावकों के द्वारा खनियाधाना बीआरसी संजय भदौरिया से इस संबंध में शिकायत करते हुए कार्यवाही की मांग की लगातार निजी स्कूलों की शिकायत मिलने पर आज बीआरसी की द्वारा एक जांच टीम गठित कर स्कूलों का निरीक्षण किया गया
प्राथमिक जांच हेतु गठित जांच दल में बीएसी सत्येंद्र पाराशर प्रभारी बीएसी जगदीश सिंह लोधी एवं सीएसी उदय सिंह परिहार ने नगर के शैक्षणिक संस्थान आचार्य विद्यासागर पब्लिक स्कूल एवं सेंट सेबेस्टियन स्कूल में जाकर प्रारंभिक जांच की जिसमें अभिभावकों एवं विद्यालय के स्टाफ के कथनों को लिया जा गया जांच के समय स्कूल प्रबंधन मौजूद नहीं मिला साथ ही नगर की उन दुकानों को भी निरीक्षण के दायरे में लिया जा रहा है जहां पर इन निजी शिक्षण संस्थाओं ने अपनी सामग्री विक्रय हेतु रखवा रखी है। इनको भी जांच के दायरे में लिया गया है।
बीआरसी संजय भदौरिया ने बताया कि दो निजी विद्यालयों ने अपनी सामग्री पालको से क्रय करवाने हेतु एक स्थान बना रखा है जांच जल्दी ही पूर्ण हो जाएगी तथा गठित जांच दल द्वारा प्रतिवेदन के आधार पर जिला शिक्षा केंद्र को आवश्यक कार्रवाई हेतु इन विद्यालयों के विरुद्ध संपूर्ण प्रकरण को भेजेंगे इसके साथ ही उन अशासकीय शैक्षणिक संस्थान के विरुद्ध भी जांच शीघ्र ही कराई जाएगी जो पलकों पर अनावश्यक दबाव बनाते हैं।
जांच के दायरे में शैक्षणिक संस्थानों में यह भी देखा जाएगा की मान्यता की शर्तों के अनुरूप विद्यालयों का संचालन हो रहा है नही। प्रशासन के निर्देश के क्रम में बस्ते का वजन मानक मापदंड के अनुसार है या नही साथ ही यह भी देखा जायेगा कि संस्थान अपनी मान्यता के अनुरूप किताबों के संचालन के अतिरिक्त प्राइवेट पब्लिकेशन की किताबें अनाधिकृत रूप से चला रहे हैं जो अत्यंत महंगी होने के कारण पालकों की जेब पर अनावश्यक दबाव डालती है जल्दी ही जांच दल की रिपोर्ट के आधार पर ऐसे विद्यालयों पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी