SHIVPURI NEWS- काला गेहूं कम लागत में अधिक उत्पादन,एक बीघा में 14 क्विंटल से अधिक उपज,भाव भी ज्यादा:किसान खुश

Bhopal Samachar
शिवपुरी। जिले में काले गेहूं की खेती को बढ़ावा देने के लिए इस साल कुछ किसानों ने परीक्षण के तौर पर उत्पादन लिया है। सामान्य गेहूं की तुलना में उत्पादन अच्छा रहने से किसान खुश हैं। यदि स्थानीय मार्केट में काले गेहूं भाव अच्छा मिला तो जिले में काले गेहूं की खेती का रकवा बढ़ते देर नहीं लगेगी। 

जानकारी के मुताबिक कृषि विज्ञान केंद्र शिवपुरी ने नवाचार के तौर पर काले गेहूं की खेती की शुरुआत परीक्षण के तौर पर कराई है। बोवनी के लिए काले गेहूं का बीज मंगाकर किसानों 2 से 5 किलो बीज उपलब्ध कराया। फसल कटने के बाद थ्रेसिंग कराने पर उत्पादन अच्छा निकला है। किरौली के किसान मक्खन सिंह ने 5 किलो बीज बोया था, जिसका 3 क्विंटल 50 किलो ग्राम पैदावार निकलती है। प्रति बीघा औसतन 20 किलो बीज बोएं तो औसत उत्पादन 14 क्विंटल आ रहा है। जबकि सामान्य गेहूं की पैदावार 10 से 12 क्विंटल रहती है। परीक्षण के तौर पर उत्पादन ले चुके किसान उत्साहित हैं और अगली बार ज्यादा क्षेत्र में पैदावार लेने की तैयारी में हैं। 

बता दें कि काले गेहूं का भाव 2500 से लेकर 3 हजार रु. रहता है, और कभी-कभी इससे भी ज्यादा पहुंच जाता है। रातौर गांव के किसान लवकुश धाकड़ ने 5 किलो बीज लेकर बोवनी कर दी थी। हालांकि 1.50 क्विंटल उत्पादन निकला है। पौष्टिक होने पर दलिया बनाकर खुद ही इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। अगली बार से ठीक ढंग से खेती करेंगे जिससे ज्यादा उत्पादन निकले।

2 किलो बीज से 1 क्विंटल उत्पादन निकाला

चंदनपुरा गांव के किसान गिर्राज धाकड़ ने कृषि विज्ञान केंद्र से 2 किलो बीज लिया था। गिर्राज ने बताया कि 80 X 10 में एक सी ड्रिल बोवनी की थी। गेहूं कटवा कर थ्रेसिंग कराई तो 1 क्विंटल से ज्यादा उत्पादन निकला है। अब एक क्विंटल गेहूं को बीज के रूप में रख लिया है, अगले साल ज्यादा क्षेत्र में बोवनी करेंगे।

काले गेहूं में पोषक तत्व ज्यादा रहते हैं
काले गेहूं में पोषक तत्व ज्यादा रहते हैं। परीक्षण के तौर पर काले गेहूं का बीज मंगाकर किसानों को उपलब्ध कराया है। किसानों से मिले फीडबैक मिला है, नवाचार के तौर पर काले गेहूं का उत्पादन अच्छा रहा है। काले गेहूं की मार्केटिंग कर पहचान दिलाने और अच्छा भाव दिलाने की कोशिश करेंगे, ताकि किसानों को फायदा मिल सके।
डॉ. एमके भार्गव, वरिष्ठ वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र शिवपुरी
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