THE REAL HERO: अस्पताल के साथ साथ व्हाट्सएप पर मरीजो का इलाज कर अपना धर्म निभा रहे हैं डॉ.रीतेश यादव

Bhopal Samachar
शिवपुरी। शिवपुरी मेें कोरोना संक्रमण पूरी तरह से फैल गया है और लोग इलाज के लिए इधर-उधर घूम रहे हैं। ऐसे संकट के समय में कई डॉक्टर ऐसे हैं, जो मरीजों को देखने में कतरा रहे हैं, तो कई डॉक्टर लोगों का फरिश्ता बनकर इलाज कर रहे हैं।

शिवपुरी मेडीकल कॉलेज में सहायक प्राचार्य के पद पर पदस्थ डॉ. रीतेश यादव खुद दो बार कोरोना की चपेट में आने के बाद भी लोगों की मदद करने से पीछे नहीं हटे। वह मेडीकल कॉलेज में भर्ती मरीजों के साथ-साथ जिला चिकित्सालय के मरीजों का भी इलाज कर रहे हैं। यहां तक कि व्हाट्सएप और मोबाइल के माध्यम से कोरोना संक्रमितों का इलाज कर अपने पेशे के साथ न्याय कर रहे हैं और उनके इलाज से कई मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।

डॉ. रीतेश यादव मेडीकल कॉलेज में सहायक प्राचार्य हैं। अभी हाल ही में मेडीकल कॉलेज और जिला अस्पताल के अलग-अलग हो जाने से वह मेडीकल कॉलेज में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। लेकिन जिला अस्पताल में भर्ती कोई भी मरीज उनसे स्वास्थ्य संबंधी जानकारी चाहता है तो वह तुरंत ही उस मरीज की सहायता के लिए तत्पर हो जाते हैं और व्हॉट्सएप के माध्यम से ही वह उस मरीज की देखभाल में जुट जाते हैं और उस मरीज को उस समय तक ट्रीट करते हैं, जब तक की वह ठीक न हो जाए।

डॉ. यादव बताते हैं कि मेडीकल कॉलेज सुबह 9 बजे वह पहुंचते हैं और शाम 5-6 बजे तक वह मेडीकल कॉलेज में रहकर इलाज करते हैं। इस दौरान उन्हें कई मरीजों के फोन आते हैं, जिनमें कई परिचित होते हैं और कई अनपरिचित। लेकिन ड्यूटी के दौरान फोन रिसीव नहीं कर पाते। लेकिन व्हॉट्सएप पर उनकी समस्या सुनते हैं और घर जाकर वह व्हॉट्सएप पर आए सभी मैसेजों को पढ़कर उनको रिप्लाई देते हैं।

जिनमें ऐसे मरीज भी शामिल हैं, जो ऑक्सीजन पर हैं और उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें वह दवा के साथ-साथ उनका हौंसला बढ़ाने के लिए वीडियो कॉल पर उन्हें हिम्मत देते हैं, डॉ. यादव कोरोना की पहली लहर में कोरोना संक्रमित हुए और उसके बाद भी उन्होंने मरीजों की देखभाल नहीं छोडी। उस समय वह जिला अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे थे।

दूसरी लहर में भी उनकी तबीयत बिगड़ी, जिसका उन्होंने घर पर रहकर इलाज प्रारंभ किया और इस दौरान भी वह अपने मरीजों को देखना नहीं भूले और घर पर रहते हुए भी वह व्हॉट्सएप के माध्यम से उन मरीजों से जुडे रहे। उनके यही अथक प्रयास कई लोगों के प्राण बचा सके और उनके द्वारा किए गए इलाज से कई मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं और कई अभी भी उपचाररत हैं,जिनको वह हर तरह से ट्रीट कर रहे हैं।
G-W2F7VGPV5M