DEO पर 200 अतिशेष शिक्षकों के नियम विरुद्ध ट्रांसफर का आरोप

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शैक्षणिक सत्र समाप्त होने में महज 3 माह का समय बचा है। इस बीच जिले में शिक्षा विभाग द्वारा प्रशासनिक आधार पर शिक्षकों के तबादले और अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना को लेकर सूची जारी की जा रही है। जो जारी होने से पहले ही लीक हो गई है। इसके बाद पूरी प्रक्रिया विवादों में घिर गई है।

प्रदेश स्तर से 15 नवंबर से 23 नवंबर तक इस प्रक्रिया को ऑनलाइन करने के निर्देश् थे, लेकिन जिला शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते अब तक सूची जारी नहीं हुई। अब निर्देशों से परे सूची को ऑनलाइन की बजाय ऑफलाइन जारी किया जा रहा है, जिसे लेकर सूची पर विवाद खड़ा हो गया है।


इस सूची में कई अतिशेष महिला शिक्षकों को नियम विरुद्ध उनके संकुल अंतर्गत रिक्त पदों पर पदस्थ किया जाना था, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें सुदूर जंगल क्षेत्र स्थित ऐसे स्कूलों में पदस्थ कर दिया जो सालों से खाली थे। पुरुष शिक्षक तक वहां विभाग अब तक पदस्थ नहीं कर पाया था। ऑनलाइन को लेकर भी कलेक्टर और डीईओ के बयान भी विरोधाभासी हैं।

जहां कलेक्टर नियमानुसार ऑनलाइन आदेश ही जारी करने की बात कह रही हैं। वहीं डीईओ का दावा है कि ऑफलाइन के भी आदेश हो गए हैं। इस पूरे मामले में शिक्षक और कर्मचारी संगठनों में जबरदस्त आक्रोश है। वहीं सत्तासीन कांग्रेस के नेता भी मामले को लेकर मुखर बने हुए हैं।


यह था नियम
विभागीय नियमों की बात करें तो शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले जिलेभर में रिक्त पदों पर अतिशेष शिक्षक यानि आवश्यकता से अधिक संख्या में पदस्थ शिक्षकों को यहां स्वैच्छिक काउंसलिंग के आधार पर पदस्थ किया जाना था। इसके बाद रिक्त पदों पर तबादले होने थे। इस साल अगस्त सितंबर में ऑनलाइन तबादलों के दौरान ये निर्देश भी जारी हुए थे कि रिक्त पदों पर सबसे पहले अतिशेष शिक्षकों को पदस्थ किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

जिले में 1700 से अधिक शिक्षकों के ऑनलाइन तबादले कर दिए गए, जिससे कई स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों की संख्या और बढ़ गई। 15 से 23 नवंबर तक पुनः जारी प्रक्रिया में भी बिना काउंसलिंग के अतिशेष शिक्षकों को मनमाने ढंग से पदस्थ कर दिया गया। नियमानुसार सबसे पहले इन अतिशेष शिक्षकों को संकुल अंतर्गत रिक्त पदों पर पदस्थ करना था। यदि संकुल में पद रिक्त नहीं हैं तो उसी ब्लॉक के किसी अन्य रिक्त पद वाले स्कूल में। इन नियमों की अनदेखी के चलते पूरा विवाद खड़ा हो रहा है।



दोहरे मापदंड, कई शिक्षकों को शहरी क्षेत्र में किया पदस्थ
कर्मचारी संगठन के नेताओं का आरोप है कि जो सूची तैयार की गई है, उसमें व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी के साथ साथ लेनदेन हुआ। जहां कुछ महिला व पुरुष शिक्षकों को सुदूर स्कूलों में पदस्थ किया गया तो वहीं सूची में कई शिक्षकों को उपकृत करते हुए शहर और उसके आसपास के स्कूलों में पदस्थ किया गया है। इसमें कई शिक्षकों के प्रशासनिक तबादले बताकर ऐसा हुआ है।



मिडिल स्कूलों के अतिशेष शिक्षक छोड़े
जिस सूची पर विवाद खड़ा हो रहा है, उसमें सिर्फ प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को शामिल किया गया है जबकि मिडिल, हाईस्कूल व हायर सेकंडरी के अतिशेष शिक्षकों को छोड़ दिया गया है। प्राइमरी स्कूलों के सभी अतिशेष शिक्षक स्कूल के वरिष्ठ शिक्षक हैं, जिन पर लंबे समय बाद बोर्ड पैटर्न पर होने वाली पांचवीं कक्षा पढ़ाने की जिम्मेदारी है। बावजूद इसके परीक्षा से महज 2 माह पहले उन्हें हटाने से वर्तमान स्कूलों के पांचवीं कक्षा के बच्चों की तैयारी पर भी व्यापक असर पड़ेगा।



अतिशेष छोड़कर अपात्र शिक्षकों के किए थे ऑनलाइन तबादले
लापरवाही का यह सिलसिला ऑनलाइन तबादलों के साथ ही शुरू हो गया था। इस दौरान भी अतिशेष शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन भरवाए गए थे। विकल्प के तौर पर उन्होंने रिक्त शालाओं का चयन भी किया था, लेकिन जब तबादले हुए तो इन अतिशेष शिक्षकों की प्राथमिकता को दरकिनार कर कनिष्ठ और अपात्र शिक्षकों को पदस्थ कर दिया गया।

शहर के ही मोहिनी सागर, मंशापूर्ण और माधव चौक प्राइमरी स्कूल में 300 से अधिक आवेदन के बावजूद यहां अतिशेष, गंभीर बीमार और वरिष्ठ महिला शिक्षिकाओं को दरकिनार कर साल 2016 में पदस्थ कनिष्ठ शिक्षिकाओं की पदस्थापना कर दी गई थी।

यह बोले कर्मचारी नेता
सूची में नियमों की अनदेखी की गई है। महिलाओं के संबंध में भी शासन की गाइड लाइन का पालन नहीं हुआ। कई महिला शिक्षिकाओं को सुदूर उन स्कूलों में भेजा गया है, जहां उनका अकेले जाना सुरक्षात्मक दृष्टि से भी संभव नहीं है। कई शिक्षकों को शहर और उसके आसपास पदस्थ कर दिया गया है। इससे नीति और नियत दोनों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हम इसका विरोध करेंगे और आपत्ति भी दर्ज कराएंगे।
राजेन्द्र पिपलौदा, जिलाध्यक्ष कर्मचारी कांग्रेस।

यह बोले शिक्षा अधिकारी
सूची में नियमों का पालन किया गया है। आरोप निराधार हैं। ऑफलाइन के आदेश हो गए हैं। जहां तक महिलाओं को दूरस्थ पदस्थ करने का सवाल है रिक्त पदों पर ही पदस्थ किया गया है। कुछ अतिशेष शिक्षकों को संकुल अंतर्गत रिक्त पदों पर भी पदस्थ किया गया है। प्रशासनिक तबादलों में शहर या आसपास पदस्थ करने के मामले में फिलहाल मैं आपको जानकारी नहीं दे सकता।
अजय कटियार, जिला शिक्षा अधिकारी शिवपुरी।

यह बोलीं कलेक्टर
ऑनलाइन ही किए गए हैं। 23 को कुछ तकनीकि खराबी के कारण नहीं हो पाया था। अब ऑनलाइन ही जारी कर रहे हैं। संकुल या ब्लॉक में पद रिक्त न होने की स्थिति में ही दूरस्थ ब्लॉक के स्कूलों में महिला शिक्षिकाओं को पदस्थ किया गया है। फिर भी आदेश जारी होने के बाद दिखवा लेंगे। ऐसी शिक्षिकाएं आपत्ति दर्ज कराएं। जहां तक प्रशासनिक तबादलों का सवाल है तो किसी को भी शहर के स्कूलों में पदस्थ नहीं किया है।
अनुग्रहा पी, कलेक्टर शिवपुरी।
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