बारिश की बेरुखी: मडीखेडा बांध 44 फुट प्यासा, जिले के 56 तालाब अभी भी रीते, खराब हो सकता है बीज | SHIVPURI NEWS

Bhopal Samachar
शिवपुरी। पिछली 10 जुलाई से बारिश की बेरूखी के कारण किसानो के चेहरो पर उदासी छा रही हैं,जिले में 100 प्रतिशत बोनी हो चुकी हैं,लेकिन अब किसानो के खेतो को पानी चाहिए नही मिलने के कारण बीज के खराब होने का खतरा होने लगा हैं। मडीखेडा बांध अपनी भराव क्षमता से 44 फुट प्यासा हैं। और जिले के 56 तालाबो की स्थिती भी दयनीय बनी हुई है।

टर्फ लाईन पुन अपनी जगह पर रही हैं आ सकती है बारिश

बारिश की इस तनाव भरी खबर में से राहत भरी बात यह है कि मौसम विभाग का कहना हैं कि अनुसार टर्फ लाइन हिमाचल की तरफ चली गई थी जो अब वापस नॉर्मल जगह पर आ रही है। दो-तीन दिन में बारिश की संभावना है।

ग्वालियर संभाग से बारिश शुरू होगी, फिर प्रदेशभर में बरसात होगी। गुरुवार से हल्की गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। वहीं उड़ीसा में कम दबाव का का क्षेत्र बन रहा है, जो 48 घंटे में बन जाएगा। इससे पूरे प्रदेश में बारिश होगी यानी जुलाई महीने के आखिरी सप्ताह में अच्छी बारिश की उम्मीद है।

मडीखेडा सहित आधा सैकडा तालाब भी अभी तक प्यासे

मड़ीखेड़ा अटल सागर बांध का जल स्तर बरसात से पहले गर्मियों में 331.10 मीटर दर्ज किया गया था। इस साल की बारिश से बांध में 1.90 मीटर पानी आया है। जबकि बांध का कुल भराव स्तर 346.25 मीटर है यानी अभी 13.26 मीटर पानी आने के बाद ही बांध पूरी तरह भर पाएगा।

वहीं जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री ओपी गुप्ता के अनुसार जिले में जल संसाधन विभाग के प्रमुख तालाबों मं 5 से 10 फीसदी ही पानी भर पाया है। चार मीडिया तालाब जैसे महुअर, बुधना पारोंच, अकाझिरी शामिल हैं। वहीं अन्य प्रमुख 56 तालाब अभी खाली हैं। अन्य तालाबों का स्तर लेवल स्तर से भी नीचे है।

शत प्रतिशत बोनी, लेकिन किसान टेंशन में

इस बार सवान की शुरूवात सूखे से हुई हैं सावन का पहले दिन एक बूंद भी नही बरसने से किसानो के मन में टेंशन की शुरूवात हो चुकी हैं। पिछले 10 जुलाई से बारिश की बेरूखी छाई हुई हैं,बारिश के रूकने के बाद जिले में 100 प्रतिशत बोनी हो चुकी हैं। अब बीजो को बडने व पलने के लिए बारिश अतिआवश्यक हैं।  

तापमान में भी 6 डिग्री तक का उछाल आया है। गर्मी से खेतों में पड़ा बीज खराब हो सकता है। वहीं मौसम केंद्र की मानें तो दो-तीन दिन में बारिश होने की पूरी संभावना है। फिलहाल किसानों की निगाहें आसमान पर मंडराते बादलों की तरफ टिकी हैं। बता दें कि कृषि विभाग ने इस साल जिले में खरीफ फसलों की बोवनी का रकबा 2 लाख 46 हजार हेक्टेयर रखा है।

वहीं जिले में 1 से 30 जून तक 46.37 मिमी यानी 5.68% औसत बारिश हुई थी। 2 से 9 जुलाई तक हुई बारिश के बाद 191 मिमी बारिश हुई। मुकेश भार्गव, कृषि वैज्ञानिक, पिपरसमा शिवपुरी का कहना हैं कि जिले में लगभग सभी जगह बोवनी हो चुकी है। अब दो-तीन दिन और बारिश नहीं हुई तो उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
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