शिवपुरी के युवा वैज्ञानिक डॉ सिद्धार्थ जैन का काेयंबटूर में हुआ सम्मान | SHIVPURI NEWS

Bhopal Samachar
शिवपुरी। खबर शहर को गोरविंत करने वाली आ रही है कि शिवपुरी के युवा वैज्ञानिक डॉ. सिद्धार्थ जैन को काेयंबटूर में विशेष समारोह में युवा अन्वेषक सम्मान से नवाजा गया है। बताया गया है कि अंतरिक्ष अनुसधान में प्रयोग होने उपकरणो को अपने ही देश में बनाया और इन उपकरणो का अंतरिक्ष यान उपग्रह जीसेट -19 व जीसेट-29 में प्रयोग हुआ ओर यह उपकरण सफल रहे, अब भारत को अमेरिका से यह उपकरण नही लेने होगे, अब भारत इन उपकरणो के लिए आत्मनिर्भर हो गया हैं। 

भारतीय अनुसंधान संगठन बंगलुरू (इसराे ) में कार्यरत वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ सिद्धार्थ जैन शिवपुरी के निवासी हैं। इनके पिता डॉ आरके जैन और माता जी डॉ अनीता जैन हैं। युवा वैज्ञानिक डॉ सिद्धार्थ ने बताया कि कुछ समय पहले जब जीसैट 11 का प्रक्षेपण भारत ने किया था, तब उसमें उपयोग में आने वाली 'बसबार" सामग्री को अमेरिका से खरीदा था। 

इसके बाद इसरो के महानिदेशक ने वैज्ञानिकों से कहा कि इसे अब हम अपनेे ही देश में विकसित करें। इसके बाद इसरो के वैज्ञानिकों की टीम ने 'बसबार"के लिए 11 माह की कड़ी मेहनत की और इसे भारत में ही विकसित कर लिया। 

फिर जब अंतरिक्ष यान उपग्रह जीसेट -19 व जीसेट-29 का प्रक्षेपण हुआ तो उसमें अपने ही देश में विकसित उपकरणाें का ही उपयोग हुआ और वह सफल रहा। यह इसरो की बड़ी सफलता है। इस उपकरण का डिजाइन, विकास और अनुसंधान डॉ सिद्धार्थ द्वारा किया गया। 

इनके इस विशेष योगदान पर स्वदेश में ही इस उपकरण निर्माण के लिए इन्हे युवा अन्वेषक सम्मान से नवाजा गया। सिद्धार्थ कहते हैं कि अंतरिक्ष अनुसंधान सामग्री 'बसबार" बनाने पर हमें युवा अन्वेष्ण सम्मान दिया है। इसके बन जाने से अब स्पेस सामग्री को अमेरिका से नहीं खरीदना पड़ेगा। 

युवा वैज्ञानिकों का सपना होता इसे हासिल करना 
सोसाइटी ऑफ एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग इंजीनियरिंग कंपनी यह पुरस्कार देती है। इसमें मेडल और सर्टिफिकेट दिया जाता है। हर युवा वैज्ञानिक का यह सपना होता है कि वह यह अवॉर्ड हासिल करे। इस पुरस्कार को हासिल करने के लिए वैज्ञानिक खुद अपनी प्रविष्टि नहीं देता। इसकी प्रविष्टि विभाग भेजता है।
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