शिवपुरी। सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग शिवपुरी की सहायक संचालक नम्रता गुप्ता एवं समग्र संयोजक पवन शर्मा को मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई शिकायत के बाद निलंबित कर दिया है। खास बात ये है कि सहायक संचालक एवं विभाग के अन्य कर्मचारियों के खिलाफ शिवपुरी जिला कलेक्टर ने भी जांच के आदेश दिए हैं। डिप्टी कलेक्टर अनुपम शर्मा द्वारा जांच की जा रही है। इस मामले में भी उन पर एफआइआर की तलवार लटकी हुई है।
दरअसल शिकायतकर्ता मनीष यादव के द्वारा सहायक संचालक नम्रता गुप्ता
सहित उनके विभाग में पदस्थ कर्मचारियों के खिलाफ जिला प्रशासन एवं मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई गई है। जिसमें गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए गए हैं। इसमें नशा मुक्ति अभियान की राशि कोषालय से आहरण कर राशि का गबन करना सहित अन्य मामले शामिल हैं।
हालांकि अभी यह पुष्टि नहीं हुई है कि मुख्यमंत्री कार्यालय में किस शिकायत के बाद उनको निलंबित किया गया है। निलंबन आदेश 5 जून को जारी किए गए हैं। जिला पंचायत सीइओ एवं प्रभारी कलेक्टर हिमांशु जैन के मुताबिक हमारे पास अब तक इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
यह थी शिकायत
जिले में अब सामाजिक न्याय विभाग की डिप्टी डायरेक्टर नम्रता गुप्ता पर गबन का आरोप लगा है। ये शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज कराई गई थी। जिसे कलेक्टर के आदेश पर जांच में लिया गया है। जांच का जिम्मा डिप्टी कलेक्टर अनुपम शर्मा को सौंपा गया है। इसके बाद पूरे मामले का रिकॉर्ड विभाग से मांगा गया है।
मनीष राव निवासी मुरैना ने सीएम हेल्पलाइन पर 16 मार्च को शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें आरोप लगाया है कि उप संचालक नम्रता गुप्ता ने आहरण वितरण अधिकार प्राप्त कर वित्तीय वर्ष 2024-25 में नशा मुक्ति के लिए आवंटित मद, माता-पिता भरण पोषण के लिए आवंटित मद, कलापथक मद आदि से शासकीय कोष से राशि का गबन किया है।
शिकायत में सहायक लिपिक ग्रेड-3 भंडार प्रभारी उदयेंद्र राजपूत, अकाउंटेंट अरुण जाटव, संविदा कर्मी पवन शर्मा एवं भृत्य कमल केवट पर भी इसमें साथ देने का आरोप लगाया गया है। शिकायतकर्ता ने इस मामले की निष्पक्ष रूप से जांच कराकर दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करने की मांग की है,इन कर्मचारियों में संविदा कर्मी को पवन शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया है,बाकी बचे कर्मचारियों की जांच अभी जारी है।
दरअसल शिकायतकर्ता मनीष यादव के द्वारा सहायक संचालक नम्रता गुप्ता
सहित उनके विभाग में पदस्थ कर्मचारियों के खिलाफ जिला प्रशासन एवं मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई गई है। जिसमें गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए गए हैं। इसमें नशा मुक्ति अभियान की राशि कोषालय से आहरण कर राशि का गबन करना सहित अन्य मामले शामिल हैं।
हालांकि अभी यह पुष्टि नहीं हुई है कि मुख्यमंत्री कार्यालय में किस शिकायत के बाद उनको निलंबित किया गया है। निलंबन आदेश 5 जून को जारी किए गए हैं। जिला पंचायत सीइओ एवं प्रभारी कलेक्टर हिमांशु जैन के मुताबिक हमारे पास अब तक इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
यह थी शिकायत
जिले में अब सामाजिक न्याय विभाग की डिप्टी डायरेक्टर नम्रता गुप्ता पर गबन का आरोप लगा है। ये शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज कराई गई थी। जिसे कलेक्टर के आदेश पर जांच में लिया गया है। जांच का जिम्मा डिप्टी कलेक्टर अनुपम शर्मा को सौंपा गया है। इसके बाद पूरे मामले का रिकॉर्ड विभाग से मांगा गया है।
मनीष राव निवासी मुरैना ने सीएम हेल्पलाइन पर 16 मार्च को शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें आरोप लगाया है कि उप संचालक नम्रता गुप्ता ने आहरण वितरण अधिकार प्राप्त कर वित्तीय वर्ष 2024-25 में नशा मुक्ति के लिए आवंटित मद, माता-पिता भरण पोषण के लिए आवंटित मद, कलापथक मद आदि से शासकीय कोष से राशि का गबन किया है।
शिकायत में सहायक लिपिक ग्रेड-3 भंडार प्रभारी उदयेंद्र राजपूत, अकाउंटेंट अरुण जाटव, संविदा कर्मी पवन शर्मा एवं भृत्य कमल केवट पर भी इसमें साथ देने का आरोप लगाया गया है। शिकायतकर्ता ने इस मामले की निष्पक्ष रूप से जांच कराकर दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करने की मांग की है,इन कर्मचारियों में संविदा कर्मी को पवन शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया है,बाकी बचे कर्मचारियों की जांच अभी जारी है।