SHIVPURI NEWS - अग्रवाल समाज में ​​बढ़ रही है एक्सपायरी डेट के दूल्हो की संख्या,1272 पंजीयन में 384 युवती

Bhopal Samachar

शिवपुरी। बीते दिनों शिवपुरी के गांधी पार्क में मध्यदेशीय अग्रवाल समाज का 3 दिवसीय युवक-युवती परिचय सम्मेलन बड़ी ही धूमधाम से संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में सबसे बड़ी बात यह निकलकर सामने आई कि अग्रवाल समाज में एक्सपायरी डेट के दूल्हो की संख्या बढ़ रही है। इसको लेकर समाज चिंतित है लेकिन समाज के लोगों के पास इस समस्या का समाधान नहीं है,ऐसा नहीं है कि जिन युवाओं की उम्र शादी की उम्र से 10 साल से अधिक चली गई है वह आर्थिक रूप से संपन्न ना हो,वह अच्छा खासा कमा भी रहे है लेकिन वह शहरी क्षेत्रों में ना रहकर ग्रामीण क्षेत्रों में निवास कर रहे है।

इस कारण कोई भी पिता अपनी बेटी ग्रामीण क्षेत्र में देने को तैयार नहीं है ना ही युवती अब ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले किसी परिवार की बहू बनना स्वीकार कर रही है। इस कारण ग्रामीण युवको की शादी में विलंब हो रहा है और इनकी उम्र 30 से लेकर 40 के बीच हो चुकी है। हालांकि ऐसा नहीं है कि यह सामाजिक असंतुलन केवल वैश्य समाज में है यह सामाजिक असतुंलन स्वर्ण समाज के अग्रवाल,ब्राह्मण और ठाकुर समाज में भी निकल कर सामने आ रहा है,लेकिन गांधी पार्क में आयोजित इस सम्मेलन में अग्रवाल समाज का एक्सपायरी डेट के दूल्हो का आंकड़ा निकलकर सामने आया है।

परिचय सम्मेलन में मंच पर नहीं आए उम्रदराज युवा

गांधी पार्क में आयोजित अग्रवाल समाज के युवक-युवती परिचय सम्मेलन में उम्रदराज युवा मंच पर अपना परिचय देने नहीं आए थे,लेकिन उनकी उपस्थिति थी,वह भी इसलिए सामाजिक लिस्ट में उनका कुवारो में नाम दर्ज हो,जानकारी लेने पर ज्ञात हुआ कि इनमें से कई युवा समाज के मंच पर कई सालो से अपना परिचय दे रहे है फिर भी किसी युवती ने इनका हाथ नहीं थामा,ना ही किसी परिवार ने अपनी बेटी देने का मन बनाया।

कारण स्पष्ट नजर आ रहा था कि यह सभी उम्रदराज युवा ग्रामीण क्षेत्रों में निवास कर रहे है,लेकिन इनकी आर्थिक स्थिति शहर मे रहने वाले युवाओं से अच्छी है यह सेल्फ थे और कमा भी रहे थे,लेकिन ग्रामीण होने का ठप्पा इन पर लगा था।

मध्य देशीय अग्रवाल समाज द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम के अध्यक्ष अजीत ठेईया और प्रधान संयोजक गौरव सिंघल ने बताया कि तीन दिवसीय युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन गांधी पार्क मैदान में किया गया। जिसमें 3 दिन में मंच पर परिचय देने कम ही युवक पहुंचे। अभिभावकों और आयोजकों ने बताया कि वे ग्रामीण क्षेत्र में बेटियों का विवाह नहीं करना चाहते। बेटियां पढ़ लिख गई हैं। वे लड़कियां भी शहर में ही शादी करना चाहती हैं, जो गांव में रहकर पढ़ी-लिखी हैं।

1272 युवक-युवतियो में 384 युवती

परिचय सम्मेलन के मंच संयोजक राजेश गोयल रजत ने बताया कि अग्रवाल समाज ने विवाह सम्मेलन की जो परिचय स्मारिका का प्रकाशन कराया है, उसमें कुल 1272 युवक युवतियों ने पंजीयन कराए हैं। इनमें 888 युवक और युवतियां सिर्फ 384 हैं। जिन युक्कों ने पंजीयन करवाया है।

उनमें 15% ऐसे हैं, जिनका जन्म 1990 या उससे पहले का है। ऐसे में 35 से 40 साल के अविवाहित युवाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वजह यह नहीं है कि वह आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं या उनके घर द्वार में कोई कमी है। वजह सिर्फ यही है कि ग्रामीण क्षेत्र में शादी करने से युवतियों का मोह भंग होता जा रहा है।

समस्या ऐसी,जैसी बेटी नहीं बहू कहां से लाओगे

इस मामले में एक अग्रवाल समाज के सामाजिक व्यक्ति से बातचीत की सवाल था कि क्या इस समस्या पर समाज के लोगो ने मिलकर चिंतन नही किया,तो सबसे पहले नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि यह समस्या बिल्कुल ऐसी है जैसे बेटी नहीं तो बहू कहां से लाओगे,मेरे घर में बेटी है और में भी तहसील स्तर पर निवास करता हूं लेकिन मेरी इच्छा है कि में अपनी बेटी की ससुराल शहर या मेट्रो शहर में हो,लेकिन फिर यह भी सोचता हूं कि अगर ऐसा सब सोचेंगे तो मेरे बेटे को बहू कहां से आएंगे,समय ही इस समस्या का समाधान निकाल सकता है,लोगो के बस की बात नही।

व्यापारी वर्ग में संख्या अधिक

इस समस्या का जब पीछा किया तो सबसे बडी बात यह निकलकर सामने आई कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहकर युवा व्यापार कर रहे है उनके साथ यह समस्या हो रही है,उनकी उम्र निकल रही है। अग्रवाल समाज व्यापार प्रधान समाज है अधिकांश युवाओं का रुझान व्यापार की ओर होता है या यू कह लो कि उनके डीएनए में ही व्यापार है। अग्रवाल समाज के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले किसी युवा की सरकारी नौकरी है या वह किसी कंपनी में अच्छी सैलरी पर जॉब कर रहा है तो उसके साथ यह समस्या शून्य हो जाती है,इसके पीछे जो कारण निकलकर सामने आया है कि युवती और उसका परिवार यह जानता है कि लड़का बाहर नौकरी कर रहा है उसे यहां रहना ही नही है इसलिए उसकी शादी में समस्या नहीं आती है। लेकिन इस बात को भी भूला दिया जाता है कि ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले युवा के पास इतनी प्रॉपर्टी है कि नौकरी करने वाला युवा पूरे जीवन में कमा पाएंगे,लेकिन प्रॉपर्टी से अधिक वैल्यू नौकरी ओर शहर में निवास करने वाले शब्द भारी पड जाते है।

समाज में समस्या यह कि गांव में बेटी देने को कोई तैयार ही नहीं

अग्रवाल समाज में देखने में आ रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं की शादी नहीं हो रही है। परिचय सम्मेलन और परिचय स्मारिकाओं में युवतियों की संख्या बहुत कम होती है, और युवक उनसे दोगुने। कई युवक मंच पर इसलिए नहीं पहुंचे क्योंकि उनकी उम्र 35 से अधिक हो गई और वह इससे पहले दो-तीन अन्य सम्मेलनों में भी परिचय दे चुके हैं, लेकिन गांव में बेटियां देने को कोई तैयार नहीं है।
मथुरा प्रसाद गुप्ता, कोषाध्यक्ष अग्रवाल समाज शिवपुरी