SHIVPURI NEWS - महाराज KP से चुनाव हारे है, सांसद KP अपना विधानसभा चुनाव हारे थे, पहलवान KP हारा ही नहीं

Bhopal Samachar
ललित मुदगल @ शिवपुरी। शिवपुरी विधानसभा में सवालो के बादल छाए हुए है,जनमानस और स्थानीय नेताओं के मन में लगातार सवाल उठ रहे है। शिवपुरी विधानसभा से जैसे ही विधायक और कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने चुनाव लड़ने से इंकार किया वैसे ही शिवपुरी विधानसभा पर नाटकीय घटनाक्रम हुए और शिवपुरी की राजनीति की दशा और दिशा दोनों ही बदल गई।

सबसे बडा अप्रत्याशित घटनाक्रम पिछोर के पहलवान केपी सिंह का शिवपुरी विधानसभा का कांग्रेस से टिकट मिलना रहा है। अब कयास लगाए जाने लगे के शिवपुरी विधानसभा से भाजपा केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को मैदान में उतार सकती है,लेकिन महाराज का एक बयान कि मै विधानसभा चुनाव नहीं लडूंगा। इस बयान को मीडिया ने प्रमुखता से प्रकाशित किया उसके बाद इस बयान का खंडन किया गया। शिवपुरी के जनमानस को लगता है कि अभी भी शिवपुरी विधानसभा से केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की चुनाव लड़ने की संभावना बाकी है।

अभी भी उम्मीद है,उम्मीद से भरा वीडियो किया गया अपलोड
कांग्रेस के अपराजेय योद्धा पिछोर विधायक केपी सिंह का नाम शिवपुरी से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप मे फायनल होने के बाद शिवपुरी विधानसभा से दावेदारी कर रहे कोलास विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी के समर्थको ने पीसीसी कार्यालय भोपाल पर हंगामा कर दिया था। इस हंगामे के बाद वीरेन्द्र रघुवंशी ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी कि अभी भी उम्मीद शेष है। इस वीडियो जारी होने के बाद कयास जाने लगे थे कि शायद केपी सिंह पिछोर रिटर्न हो जाए और शिवपुरी से वीरेंद्र रघुवंशी को टिकट मिल सकता है।

कमलनाथ के बयान ने फिर बदल दिया शिवपुरी की राजनीति का मौसम

देर शाम को भोपाल से फिर एक वीडियो वायरल हुआ था इस वीडियो में पीसीसी चीफ कमलनाथ वीडियो में कहते दिख रहे है कि ग्वालियर चंबल संभाग का काम श्री दिग्विजय सिंह एवं उनके पुत्र श्री जयवर्धन सिंह देख रहे थे इसलिए उन्होंने, उन पर छोड़ दिया। इसके बाद श्री केपी सिंह एवं श्री दिग्विजय सिंह के बीच में कोई बातचीत हुई और शिवपुरी विधानसभा से श्री केपी सिंह को कांग्रेस पार्टी का उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। श्री कमलनाथ ने कहा कि मैं खुद शर्मिंदा हूं। श्री कमलनाथ ने यह भी कहा कि, केपी सिंह शिवपुरी क्यों जाए, मुझे यह बात ही नहीं समझ में आई। सरल हिंदी में कहें तो, कमलनाथ ने स्पष्ट तौर पर यह कहा है कि, श्री दिग्विजय सिंह ने श्री वीरेंद्र रघुवंशी का टिकट श्री केपी सिंह को दे दिया। इस बयान के बाद ऐसा लगने लगा था कि केपी सिंह रिटर्न होगें।

वचन पत्र जारी करते समय का वीडियो कर गया तस्वीर साफ

लेकिन आज सुबह प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में घोषणा पत्र जारी करते समय जो कुछ हुआ, उसके बाद स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि शिवपुरी विधानसभा सीट से पिछोर के पहलवान केपी सिंह ही चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस पार्टी के टिकट में कोई परिवर्तन नहीं होगा। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि, सोमवार को जो कुछ हुआ है उसके बाद कांग्रेस पार्टी में श्री वीरेंद्र रघुवंशी का फ्यूचर फिनिश।


जनता में प्रतिक्रिया, कमलनाथ का नहले पर दहला है

इस घटनाक्रम से जनता में अलग अलग प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। इस समय हर मतदाता चुनावी विश्लेषण कर रहा है,लेकिन यह प्रतिक्रिया तेज है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को रोकने के लिए कमलनाथ ने नहले पर दहला फेंका है। प्रतिक्रिया में मिल रहा है कि एक केपी नाम का महाराज हार का स्वाद चख चुके है,सांसद केपी यादव अपना पहला विधानसभा चुनाव हारे थे,लेकिन यह पिछोर का यह पहलवान केपी सिंह कभी चुनाव हारे नही।

फंस जाएंगे यहां सिंधिया

चौराहे पर चाय पर चर्चा में सुनने को मिल रहा है कि अगर महाराज यहां से चुनाव लडते तो शिवपुरी जिला,गुना जिला और अशोकनगर जिले की विधानसभा की सीटों पर भाजपा का बूम बन जाता,इसलिए महाराज को फसाने के लिए कांग्रेस ने पिछोर के पहलवान का शिवपुरी की रिंग में भेज दिया है। अब महाराज को भी मेहनत करनी होगी और अधिक समय अपने विधानसभा चुनाव में देना होगा। इस कारण वह अन्य जगह प्रचार में समय देंगें।

केपी सिंह पटिया वाले बाबा है,महाराज तो महाराज है

शहर में आमजन अपने ही हिसाब से इस घटनाक्रम का उल्लेख कर रहे है,चर्चा में केपी सिंह का पटिया वाले बाबा निरूपित कर रहे है केपी सिंह ऐसा नेता है कि किसी भी मतदाता के घर की बाहर की पटिया पर बैठकर एक गिलास पानी भी मांग कर पी सकते है पिछोर में ऐसा कई बार हुआ है,जमीनी नेता है। अब महाराज तो महाराज है,

अब कांग्रेस इंतजार कर रही है भाजपा के प्रत्याशी की घोषणा की

जन चर्चा में कहा जा रहा है कि कांग्रेस अब भाजपा के पत्ते ओपन होने का इंतजार कर रही है। अब जैसे ही शिवपुरी विधानसभा से भाजपा अपने प्रत्याशी की घोषणा करेगी,और यह नाम केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के नहीं होगा तो केपी सिंह रिटर्न हो सकते है

शिवपुरी की पसंद माखन और मुन्ना: 2 सीट पर रिस्क नही

जन चर्चा में पिछोर के विधायक की छवि का एक्सरे अपने अपने हिसाब से किया जा रहा है केपी सिंह की छवि को रॉबिनहुड जैसी निरूपित किया जा रहा है,गरीब,शोषित और वंचितों के नेता कहा जा रहा है वही कुछ लोगों का कहना है कि केपी सिंह दबंग नेता है और शिवपुरी की जनता का टेस्ट पूर्व विधायक माखनलाल राठौर,और पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह जैसी है। कांग्रेस अपनी दो सीट पर रिस्क नहीं ले सकती है। अगर शिवपुरी से सिंधिया फायनल नही होते है तो केपी सिंह पिछोर से ही चुनाव लड़ेंगे।