शिवपुरी। कोतवाली थाना अंतर्गत फतेहपुर रोड पर एक घर में बुधवार की देर शाम हुआ ब्लास्ट पहेली बन गया है। घटना के बाद सभी जिम्मेदारों ने हादसे के कारणों को लेकर अलग- अलग आशंकाएं जाहिर की थीं। एसपी ने एसी के कंप्रेसर में ब्लास्ट की आशंका जाहिर की थी तो कलेक्टर ने मीथेन गैस के रिसाव के कारण हादसा हो सकता है।
वहीं जब थिंक गैस के जिम्मेदारों को बुलवाया गया तो उन्होंने लाइन न होने की बात कही और सिलेंडर ब्लास्ट की आशंका जाहिर की। जबकि हकीकत यह है कि अगले दिन सुबह जब घटना स्थल पर जाकर देखा तो किचन में खाली सिलेंडर रखा हुआ था और छत पर एसी का कंप्रेशर भी सुरक्षित था ।
ऐसे में बड़ा सवाल है कि विस्फोट हुआ कैसे। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि ब्लास्ट गैस के कारण ही हुआ है। घर करीब एक महीने से बंद था और जब इसे खोला गया तो इसके हर कमरे में गैस भरी थी। परिवार के अंदर जाते ही थोड़ी देर बाद एक के बाद एक कई धमाके हर कमरे में हुए। हालांकि अभी भी कोई जिम्मेदार हादसे का सही कारण नहीं बता पा रहे हैं जबकि हादसे में झुलसे पति-पत्नी गंभीर हालत में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। वही बेटी की हालत स्थिर बताई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि बुधवार की देर शाम 7:30 बजे फतेहपुर रोड पर निवासरत पंचायत सचिव राघवेंद्र लोधी के मकान में अचानक ब्लास्ट हो गया था। इसमें चार लोग झुलस गए थे और ब्लास्ट के कारण छत के पत्थर 50 फीट दूर तक उछले और कई लोग घायल हो गए। रात भर आसपास रहने वाले लोग सो नहीं पाए क्योंकि उन्हें अन्य जगह ब्लास्ट होने का डर सता रहा था।
इस ब्लास्ट के दौरान आग की चपेट में आए उज्जवल भार्गव घटना के बाद बेहद घबराए हुए थे। उज्जवल ने बताया कि वह जब घर पर पहुंचा तो घर गीला सा हो रहा था। भाभी (राघवेंद्र की पत्नी रानी लोधी) चौक को साफ कर रही थी। अचानक वहीं पर प्रमुख रूप से ब्लास्ट हुआ। इसके बाद पूरे घर में ब्लास्ट होने लगे और सिर्फ आग ही आग नजर आई।
बाहर की तरफ फिके सारे गेट
ब्लास्ट घर के हर कमरे में हुआ है। प्रत्येक कमरे के गेट बंद थे और वह बाहर की कुंडी तोड़कर बाहर की तरफ फिके हैं, जो यह बताते हैं कि ब्लास्ट अंदर से बाहर की तरफ हुआ है। यानि की हर कमरे में गैस भरी हुई थी। सिर्फ एक कमरे का गेट अंदर की तरफ है जो संभवतः आगंतुकों का कमरा था और घटना के समय उसी कमरे में राघवेंद्र व उज्जवल भार्गव बैठे हुए थे।
राघवेंद्र लोधी के साले सुदर्शन ने मीडिया को फोन पर दी जानकारी में बताया कि घर में रखे एलपीजी सिलेंडर में गैस नहीं थी । वह पिछले डेढ़ महीने से किचन में खाली रखा हुआ था। ऐसे में यह स्पष्ट है कि हादसे का कारण एलपीजी गैस नहीं रही होगी। थिंक गैस की पाइप लाइन डेमेज हुई नहीं है। ऐसे में फिर ब्लास्ट हुआ कैसे।
इतना बड़ा हादसा, प्रशासन ने एफएसएल टीम नही बुलाई
अचानक हुए इस ब्लास्ट से पहले सड़क के फुटपाथ पर एक नहीं कई जगह आग लगना और फुटपाथ पर लगी आग ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके बावजूद पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों ने इसका कारण जानने के लिए गुरुवार दोपहर तक न तो विशेषज्ञों से मौका मुआयना करवाया और न ही एफएसएल की टीम ने इतने बड़े ब्लास्ट का कारण जानने के लिए मौका मुआयना किया।
पडोसी बोले रात भर सो नही सके
हम रात भर सोए नहीं घटना के बाद रात भर लोगों में दहशत की स्थिति बनी रही। इस पूरी घटना में आग की चपेट में आने से बाल-बाल बची कोसा नाम की महिला ने मीडिया को पूरी घटना के बारे में बताते हुए कहा कि वह और उसका पूरा परिवार रात भर दहशत में रहा, क्योंकि सड़क पर आग उनके घर के सामने ही लगी थी। उन्हें डर था कि रात में फिर से आग न लग जाए, क्योंकि सामने वाले
धमाके में सब कुछ जला, भगवान का मंदिर सुरक्षित
जिस घर में बुधवार की रात यह ब्लास्ट हुआ, उस घर का एक कमरा भगवान की पूजा अर्चना के लिए आरक्षित था। घर के अन्य कमरों की तरह इस कमरे में भी ब्लास्ट हुआ। कमरे का गेट उखड़कर बाहर फिक गया। कमरे में दीवार लगे कागज आदि जल गए लेकिन दीवार पर लगा भगवान के मंदिर को कुछ नहीं हुआ। मंदिर और मंदिर में रखे भगवान पूर्ववत अवस्था में ही रखे रहे। मंदिर को आग की लौ छू तक नहीं पाई।