करैरा। करैरा तहसील के छीरारी गांव में बुधवार को हुई एक तेरहवीं के कार्यक्रम में भोजन करने के बाद करीब 100 ग्रामीणों की तबीयत बिगड़ गई। बीमार होने वालों में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं। उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग की दो टीमें गांव पहुंचीं और उपचार शुरू किया गया।
जानकारी के अनुसार, छीरारी गांव के रहने वाले कमल सिंह गुर्जर गांव के मंदिर में भगत थे और झाड़ फूंक से लोगों की सहायता करते थे। हाल ही में उनका देहांत हो गया था। बुधवार को उनके पुत्र जसरथ गुर्जर ने तेरहवीं का आयोजन किया, जिसमें छीरारी और पास के सिद्धपुरा गांव के सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए थे।
खाना खाने के बाद बुधवार रात से ही ग्रामीणों को उल्टी-दस्त शुरू हो गए थे। गुरुवार सुबह तक करीब 50 से अधिक लोगों की तबीयत बिगड़ चुकी थी। सूचना मिलने पर नायब तहसीलदार ओम प्रकाश तिवारी मौके पर पहुंचे और स्वास्थ्य विभाग की टीमों को बुलाया गया। अब तक छीरारी गांव में 55 और सिद्धपुरा में 25 लोगों का उपचार किया जा चुका है।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि भोजन में इस्तेमाल किए गए घी में खराबी हो सकती है। इसके चलते फूड विभाग की टीम को भी मौके पर बुलाया गया है, जो खाने के सैंपल जांच के लिए लेकर गई है।
सीएमएचओ डॉ. संजय ऋशेश्वर ने बताया कि जैसे ही सूचना मिली, तुरंत स्वास्थ्य विभाग की टीमें भेज दी गईं। जिला मुख्यालय से भी एक विशेष टीम रवाना की गई है। फिलहाल सभी मरीजों की हालत स्थिर है और किसी को रेफर करने की जरूरत नहीं पड़ी है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में गांव में उपचार और जांच जारी हैं।
जानकारी के अनुसार, छीरारी गांव के रहने वाले कमल सिंह गुर्जर गांव के मंदिर में भगत थे और झाड़ फूंक से लोगों की सहायता करते थे। हाल ही में उनका देहांत हो गया था। बुधवार को उनके पुत्र जसरथ गुर्जर ने तेरहवीं का आयोजन किया, जिसमें छीरारी और पास के सिद्धपुरा गांव के सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए थे।
खाना खाने के बाद बुधवार रात से ही ग्रामीणों को उल्टी-दस्त शुरू हो गए थे। गुरुवार सुबह तक करीब 50 से अधिक लोगों की तबीयत बिगड़ चुकी थी। सूचना मिलने पर नायब तहसीलदार ओम प्रकाश तिवारी मौके पर पहुंचे और स्वास्थ्य विभाग की टीमों को बुलाया गया। अब तक छीरारी गांव में 55 और सिद्धपुरा में 25 लोगों का उपचार किया जा चुका है।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि भोजन में इस्तेमाल किए गए घी में खराबी हो सकती है। इसके चलते फूड विभाग की टीम को भी मौके पर बुलाया गया है, जो खाने के सैंपल जांच के लिए लेकर गई है।
सीएमएचओ डॉ. संजय ऋशेश्वर ने बताया कि जैसे ही सूचना मिली, तुरंत स्वास्थ्य विभाग की टीमें भेज दी गईं। जिला मुख्यालय से भी एक विशेष टीम रवाना की गई है। फिलहाल सभी मरीजों की हालत स्थिर है और किसी को रेफर करने की जरूरत नहीं पड़ी है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में गांव में उपचार और जांच जारी हैं।