SHIVPURI NEWS- कूनो नेशनल पार्क: पोहरी के अहेरा गांव में होम स्टे की संभावना तलाशने पहुंचे कलेक्टर, पढ़िए क्या हुआ

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शिवपुरी।
शिवपुरी-श्योपुर सीमा से लगे हुए कूनो नेशनल पार्क में चीते की चाल से देश विदेश के पर्यटकों के आने की संभावना हैं। कूनो नेशनल पार्क में पोहरी के अहेरा गांव से अहेरा गेट से भी पर्यटकों का प्रवेश रहता है। इस आदिवासी बाहुल्य गांव में आदिवासियों का जीवन स्तर उंचा करने और पर्यटकों को आदिवासी संस्कृति से पहचान कराने के उद्देश्य से और ग्रामीणो को आजीविका के साधनों से जोड़ने के उद्देश्य से होम स्टे की सम्भावना को तलाश करने के लिए शिवपुरी कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी और उनकी टीम ने अहेरा गांव पहुंचे,जहां उन्होंने ग्रामीणों से चर्चा की,उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास करते हुए उनके निपटारे के आदेश भी मौके पर किए जाने की खबर मिल रही है।

अहेरा गांव पोहरी विकासखंड में स्थित सहरिया आदिवासी ग्राम है। यहां कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने ग्रामीणों से आजीविका के साधनों से जोड़ने के संबंध में भी चर्चा की जिससे गांव को मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। उन्होंने ग्रामीणों से समस्या भी पूछी। तब ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पेयजल और विद्युत की समस्या है। तब मौके पर उपस्थित लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री को निर्देश दिए हैं कि यहां पानी की समस्या का निराकरण कराया जाए और उसकी जानकारी 3 दिन में उपलब्ध कराएं। इसके अलावा कृषि गतिविधियों की भी जानकारी लेते हुए कहा कि यहां के किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र का भ्रमण कराएं और प्रशिक्षण दें।

इसी के साथ पशुपालन की गतिविधियों को भी बढ़ावा दें जिससे आजीविका के साधन बढ़ेंगे। पशुपालन विभाग को एक टीम बनाकर शिवपुरी लाकर पशुपालन गतिविधियों का प्रशिक्षण ग्रामीणों को देने के निर्देश दिए। इसके अलावा बकरी पालन और मुर्गी पालन को बढ़ावा देने के लिए कहा। गांव में कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित किया जाएगा जिसका संचालन स्व सहायता समूह द्वारा किया जाएगा। इससे भी ग्रामीणों को लाभ मिलेगा। गांव में वन अधिकार पट्टा के जो पात्र आवेदक है वन विभाग को उनके आवेदन लेकर कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण यह है कि शराब का सेवन ना करें। नशे से दूर रहें। यदि अभी लोगों में सुधार होगा तो आने वाली पीढ़ी पर इसका प्रभाव पड़ता है। इस गांव में होमस्टे की अपार संभावनाएं हैं लेकिन उससे पहले यहां बुनियादी सुधार करने की जरूरत है। इस संबंध में विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि विभिन्न विभागों के तहत जो योजनाएं हैं उससे गांव में व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। यदि गांव होमस्टे के रूप में विकसित होगा तब यहां पर्यटक रुकेंगे।

इससे आय के स्रोत भी उत्पन्न होंगे और लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा ड्राइविंग सीखने के इच्छुक युवाओं के लिए ट्रेनिंग कराने के भी निर्देश दिए।
ग्रामीणों द्वारा जड़ी बूटी एकत्रित करने, शहद और लकड़ी से डलिया बनाने का काम किया जाता है जिसे आसपास के क्षेत्र तक पहुंचाया जाता है। यदि इसे मार्केटिंग की सुविधा मिलेगी तो ग्रामीणों को इसका अच्छा दाम मिलेगा इस संबंध में प्रयास करने के लिए कहा है।

भ्रमण के दौरान एसडीएम शिवदयाल धाकड़, जिला आबकारी अधिकारी और जिले में डीएटीसीसी के नोडल वीरेंद्र धाकड़, कृषि विभाग के उप संचालक यू एस तोमर, पशुपालन विभाग के उप संचालक डॉक्टर तमोरी, कार्यपालन यंत्री पीएचई एलपी सिंह, महाप्रबंधक उद्योग संदीप उईके, तहसीलदार प्रेमलता पाल, क्षेत्रीय संयोजक ट्राइबल बघेल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। भ्रमण के दौरान गांव का सचिव उपस्थित न रहने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जनपद सीईओ को सचिव को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं।
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