SHIVPURI NEWS - पंडित​ जी शादी का मुहूर्त नही कानून बताएं, बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन की अपील

Bhopal Samachar
शिवपुरी। विवाह हो या बाल विवाह, गरीब परिवार में हो या अमीर परिवार में, वो बिना मुहूर्त के संपन्न नहीं होता। विवाह का शुभ मुहूर्त पूछने के लिए एक बार स्थानीय पंडित जी के पास वर-वधू के परिजन जरूर जाते हैं। शुभ मुहूर्त निकालकर उसे संपन्न कराने में पंडित की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बिना जन्म दिनांक जाने मुहूर्त बताना संभव नहीं होता, इसलिए कोई यह नहीं कह सकता कि उन्हें वर-वधू की उम्र की जानकारी नहीं थी। इसलिए प्रशासन ने पंडितों से अपील की है कि वे बाल विवाह रोकने में सहयोगी बनें।

बाल विवाह सिर्फ एक बुराई ही नहीं, बल्कि कानूनी अपराध भी है। इसलिए बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने पंडिताई कार्य करने वाले पंडितों से अपील की है कि वे विवाह महूर्त बताने से पहले वर-वधू की उम्र जरूर पूछें। अगर उम्र विवाह योग्य नहीं है, तो मुहूर्त के बजाय यजमान को बाल विवाह निषेध कानून की धाराएं तथा सजा के प्रावधान बताकर उम्र पूरी होने तक उन्हें (वर-वधू को) विकास के अवसर देने के लिए प्रेरित करें। ताकि समाज से बाल विवाह नामक अपराध को मिटाया जा सके।

2 साल की सजा, एक लाख का जुर्माना
बाल विवाह निषेध कानून के अनुसार बाल विवाह आयोजन के लिए मुहूर्त बताना उसे बढ़ावा (प्रोत्साहन) देना तथा उसे संपन्न कराना सहयोगी की श्रेणी में आता है। कानून में प्रोत्साहन और सहयोग दोनों को दंडनीय मानकर इसके लिए 2 वर्ष की सजा और 1 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है।