शिवपुरी। जिला पंचायत में चुनाव के वक्त अध्यक्ष पद की दावेदार रहीं दो महिला सदस्य व उनके 3 समर्थक सदस्यों के वार्डों में 15वे वित्त की राशि से कार्य स्वीकृत नहीं हुए हैं। इसे पंचायत चुनाव की खुन्नस माना जा रहा है। जिन सदस्यों को बजट नहीं दिया गया, वे विरोध में उतर आए हैं। मामला विभाग के मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया के सामने भी खुलकर आ गया।
खास बात यह है कि जिला पंचायत में अध्यक्ष उपाध्यक्ष और विरोध करने वाले सदस्य भाजपा के हैं। एक ही पार्टी के होते हुए भी आपस में समन्वय नहीं बन पाना चर्चा का विषय बना हुआ है।
जिला पंचायत शिवपुरी में 15वे वित्त से 4 करोड़ से अधिक की राशि जारी हुई जिसे खर्च करने के लिए अध्यक्षए उपाध्यक्ष और सदस्यों के बीच पहले ही सप्लीमेंट्री प्लान तैयार हुआ था। तय प्लान के तहत सदस्यों के वार्ड में राशि खर्च बराबर खर्च करना थी, लेकिन पांच सदस्यों के हिस्से की 65 लाख रुण् दूसरे सदस्यों के वार्ड में खर्च करने के लिए कार्य स्वीकृत कर दिए हैं। यह सरासर भेदभाव है 'वार्ड 6 की ग्राम पंचायत रायश्री गांव में सड़क पर पानी भरने से जनता परेशान है।
15वे वित्त की राशि से सड़क बनवाने का आश्वासन दिया थाए लेकिन मेरे वार्ड में कोई राशि नहीं दी है यह आम जनता के साथ सरासर भेदभाव है। मंत्री के समक्ष मामले को लेकर आपत्ति उठाई है। . भारती भूपेंद्र रावत, सदस्य, जिला पंचायत शिवपुरी किसी के साथ भेदभाव नहीं किया 'विकास योजनाए जिला पंचायत की साधारण सभा द्वारा तैयार की गई है। उसके अनुसार ही 15वे वित्त की राशि से कार्य स्वीकृत किए गए हैं। इसमें किसी के संग भेदभाव नहीं किया है।
शिवपुरी चुनाव के वक्त अध्यक्ष पद की दो दावेदार महिला सदस्य पुष्पांजलि रावत, कलावती आदिवासी सहित भारती रावत व आनंदी मोगिया के वार्डों के लिए एक भी कार्य के लिए राशि स्वीकृत नहीं हुई है। भारती रावत रिश्ते में पुष्पांजलि की बहू हैं। वहीं पांचवें सदस्य मनीराम लोधी के वार्ड से 5 लाख की कटौती की है।
शुक्रवार को महेंद्र सिंह सिसोदिया के सामने सदस्यों ने भरी बैठक में विरोध जताया। मंत्री सिसोदिया ने भी भेदभाव को लेकर अफसरों से पूछा, लेकिन समाधान की दिशा में कोई पहल नहीं हो सकी है। इसे लेकर प्रभावित जिपं सदस्य अब खुलकर विरोध की बात कह रहे हैं।
अध्यक्ष 50 लाख रु व उपाध्यक्ष के वार्ड में 20 लाख खर्च की सहमति 15वे वित्त से अध्यक्ष के वार्ड में 50 लाख रु और उपाध्यक्ष के वार्ड में 20 लाख रु विकास कार्यों पर खर्च करने थे। जबकि जिला पंचायत के 25 वार्ड में से 23 वार्ड में प्रति सदस्य 14ण्98 लाख रु की राशि के कार्य स्वीकृत पर सहमति बनी थी। लेकिन सप्लीमेंट्री प्लान के तहत ऐसा ना करते हुए पांच सदस्य भेदभाव के आरोप लगा रहे हैं।
अपने वार्ड की बमेरा पंचायत में सामुदायिक पार्क बनवाना चाहता हूं। 15 लाख रुं 15वे वित्त व शेष राशि मनरेगा से स्वीकृत कराना चाहते थे। लेकिन 15 लाख में से 10 लाख रु राशि जारी की है। अब पार्क कैसे बनेगा। सप्लीमेंट्री प्लान की कॉपी सीईओ को दी थी। हम भी निर्वाचित सदस्य हैं और भाजपा कार्यकर्ता हैं। फिर भी भेदभाव हो रहा है।